एएसआई करण ङ्क्षसह ने बताया कि मृतक बावड़ी निवासी रामदेव (60) पुत्र रामनारायण साहू व उसकी पत्नी सीता (58) पत्नी रामदेव साहू है। रविवार देर रात रामदेव व उसकी पत्नी सीता तथा देवपुरा निवासी रामअवतार मीणा बासखारोलान में हलवाई का कार्य कर बाइक से गांव जा रहे थे।
इसी बीच बास खारोलान के निकट बावड़ी-झिराना मार्ग पर बावड़ी की ओर से तेज गति से राणोली-कठमाणा जा रही एक बारात की बस ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक पर सवार रामअवतार उछल कर दूर जा गिरा। वहीं बाइक, बस के आगे हिस्से में फंस जाने से रामदेव व उसकी पत्नी सीता बाइक के साथ करीब 50 मीटर घसीटते हुए चले गए। घटना के बाद चालक व खलासी दोनों बस को मौके पर छोडकऱ फरार हो गए।
इधर, रामदेव की घटना स्थल पर मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा एम्बुलेंस से तीनों को सीएचसी टोडारायसिंह लेकर आए। जहां रामदेव को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं सीता व रामअवतार की हालत गंभीर होने पर दोनों को घायलावस्था में टोंक के लिए रैफर किया गया।
जहां इलाज के दौरान सीता की भी मृत्यु हो गई। पुलिस ने सोमवार सुबह टोडारायङ्क्षसह सीएचसी से रामदेव का तथा टोंक में सीता देवी का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द करवाया। इधर, रामअवतार का टोंक सआदत में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मृतक दम्पती के पुत्र सुनील की ओर से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
टोडारायसिंह . इन दिनों मांगिलक कार्य अधिक होने के कारण मनमाने दाम देने के बाद भी हलवाई के कार्य में सहयोग करने वाले नहीं मिल रहे है। हलवाई का कार्य करने वाले बावड़ी निवासी रामदेव साहू ने सावे अधिक होने से पूडी बेलने के लिए कोई नहीं मिलने पर रामअवतार के साथ हेल्पर के रूप में स्वयं की पत्नी सीता को साथ ले गया, लेकिन नियती को कुछ ओर ही मंजूर था तथा दर्दनाक हादसे में दोनों की मौत हो गई।
एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार:
सडक़ हादसे में दर्दनाक मौत के शिकार बावड़ी निवासी दम्पती रामदेव व उसकी पत्नी सीता देवी का श्मशान स्थल पर एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घर से दोनों की एक साथ अर्थी उठी तो सबकी आंखें नम हो गई।
अलग-अलग अर्थियों के साथ शव यात्रा मोक्ष धाम पहुंची। जहां दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। मां जलदेवी मंदिर के निकट स्थित मकान में रहने वाले मृतक रामदेव का भरा पूरा परिवार है। मंदिर के निकट हलवाई व प्रसाद की दुकान करता था।