जिला उद्योग एवं वाणिज्य के महाप्रबंधक सुल्तान ङ्क्षसह मीणा ने बताया कि जिले में अब तक 236 ग्राम पंचायतों में से 233 ग्राम पंचायत ऑन बोर्ड की जा चुकी है। कार्यशाला में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत हाथ से काम करने वाले 18 प्रकार के पारंपरिक कामगारों, कारीगरों, शिल्पकारों को पहचान, प्रशिक्षण, टूल किट प्रोत्साहन एवं ऋण सुविधा तथा बाजार उपलब्ध कराकर सशक्त बनाने के लिए ग्राम स्तर पर वंचित कामगार का आवेदन करवाने के लिए प्रेरित करने को कहा गया।
महाप्रबंधक ने बताया कि टोंक जिला विश्वकर्मा योजना में राज्य स्तर पर अग्रणी बना हुआ है। इसमें भारत सरकार की ओर से नामित राजेंद्र जांगिड़, प्रभु बाडोलिया, राजेंद्र सैनी, अग्रणी जिला सहायक बैंक प्रबंधक सईद हुसैन, एमएसएमई विभाग के सहायक निदेशक जितेंद्र मीणा उपस्थित रहे।
योजना के लिए पात्रता: पीएम विश्वकर्मा के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की ओर से संचालित क्रेडिट आधारित योजनाओं जैसे पीएमजीपी, पीएमस्वनिधि, मुद्रा योजना में विगत 5 वर्षो में लाभ नहीं लिया हो। यदि केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार की ओर से संचालित क्रेडिट आधारित योजनओं में विगत 5 वर्ष में लाभ लिया हो तो ऋण अदायगी पूर्ण हो गई है। योजना के लिए एक परिवार से एक सदस्य ही आवेदन का पात्र होगा। परिवार में कोई व्यक्ति राजकीय सेवा में नहीं होना चाहिए। जिस ट्रेड का कामगार, कारीगर, शिल्पकार, दस्तकार की ओर से कार्य किया जा रहा है। उसी ट्रेड में आवेदन करें।
ये है योजना के लाभ पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र एवं आइडीकार्ड, बिना जमानत के 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक का उद्यम विकास ऋण, कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण (प्रशिक्षण भत्ता 500 रुपए प्रतिदिन), 15000 रुपए तक का टूल किट प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन, बाजार उपलब्ध कराना आदि कार्य योजना में शामिल है।
अब तक की प्रगति
कुल प्राप्त आवेदन पत्र-11012
प्रथम स्तर से अनुमोदित- 2978 आवेदन पत्र
द्वित्तीय स्तर से अनुमोदित- 2978 आवेदन पत्र
तृत्तीय स्तर से अनुमोदित- 405 आवेदन पत्र