संक्रमण के कारण सआदत अस्पताल में अन्य मरीजों सहित कोरोना लक्षणों से ग्रसित मरीजों की संख्या को देखते हुए संक्रमण को अन्य मरीजों में फैलने से रोकने के लिए पोस्ट कोविड डेडिकेट घोषित करने के बाद से ही 27 अप्रेल से केवल कोविड मरीजों का ही उपचार किया जा रहा था। इस कारण यहां पर संचालित सभी स्वास्थ्य संम्बधित परामर्श व उपचार के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र में सेवाएं शुरू की गई थी।
बढ़ाने पड़े थे बेड सआदत अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए पूर्व से ही संचालित 32 बेड के आईसोलेशन वार्ड के फूल हो जाने पर 88 बेड के सर्जिकल व मेडिकल वार्ड सहित 40 बेड का एक ओर नए आईसोलेशन वार्ड को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कोविड वार्ड बनाना पड़ा। 10 बेड का आईसीयू भी शुरू किया गया।
12 अप्रेल से 16 मई तक रहा अधिक प्रभाव
कोरोना की दूसरी लहर में अप्रेल से 16 मई के बीच कोरोना संक्रमण का जिले में अधिक प्रभाव रहने से प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी थी। यहां तक कि सआदत अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती चार से पांच मरीजों की प्रतिदिन मौतें होने लगी थी।
अटके ऑपरेशन होगे शुरू कोरोना संक्रमण के कारण सआदत अस्पताल की सेवाएं एमसीएच में संचालित किए जाने पर सआदत अस्पताल के ऑपरेशन थियटेर पर भी ताले लटक गए थे। इस कारण कई ऑपरेशन भी नहीं पा रहे थे, ऐसे में आपातकालीन स्थिति में कई मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर इलाज करवाना पड़ा। अब सआदत अस्पताल में फिर से उपचार व परामर्श शुरू होने पर विभिन्न प्रकार के रूके हुए कई आपरेशन नि:शुल्क हो सकेंगे।
उच्चाधिकारियों से मिले निर्देशों के अनुसार सोमवार से सआदत अस्पताल में पूर्व की भांति उपचार व परामर्श की सभी सेवाएं शुरू कर दी जाएगी, जिसके लिए अस्पताल को पूरी तरह से सैनेटाइज किया गया है। सभी वार्डों की दो से तीन बार धुलाई करवाई गई है। रविवार को ओपीडी के बाद सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर सोमवार से सआदत असपताल में सेवाएं शुरू कर दी जाएगी।
डॉ खेमराज बंशीवाल, पीएमओ सआदत अस्पताल टोंक।