पायलट सोमवार को टोंक दौरे पर रहे। उन्होंने शहर में शहीद स्मारक का उद्घाटन किया। साथ ही वीरांगनाओं को समानित किया। इस दौरान पायलट ने कहा कि संसद में विपक्षी दल सांसद भी बड़ी संया में जीत कर आए हैं। मनमाने तरीके से जो कार्य पहले संसद में होते थे, वह अब नहीं होने देंगे। सारा विपक्ष एकमत एकजुट है और इंडिया अलाइंस मजबूती के साथ संसद के अंदर और संसद के बाहर सरकार को सचेत रखेगा।
जवाबदेही तय करेगा और जो लोग मनमाने तरीके से पहले शासन चला रहे थे उसे नहीं चलने देंगे। अब सरकार के तेवर ढीले पड़े हैं। इसके बाद पायलट ने धन्ना तलाई में चल रहे विकास कार्य का निरीक्षण किया और हाजीपुर में सामुदायिक भवन तथा देवपुरा में अंबेडकर भवन का लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि पहले भारत के पास इतनी ताकत नहीं थी। सेना के पास इतना संसाधन नहीं थे। अब जमाना बदला है। लेकिन उस समय की लड़ाई हो या आज का संघर्ष हो हमारे फौजी हमेशा आगे रहे। हम सब का दायित्व बनता है कि सैनिकों को पूरा मान-समान दिया जाए। पूर्व सैनिकों की जो समस्या मिली है उसको दूर करवाएंगे। देश की सेवा करते अपनी जान की कुर्बानी दी, उनको हमेशा ही समाज याद रखेगा। आने वाली पीढ़ियों तक यह स्मारक उसका प्रतीक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजस्थान के प्रत्येक जिले में इस प्रकार के स्मारक बनाने की एक परिकल्पना की थी। बीच में लगातार आचार संहिता आ गई थी। तो इसका उद्घाटन नहीं कर पाए थे।
पायलट ने कहा कि देश की सरहद पर जो सैनिक खड़ा है, वह 140 करोड़ भारतीयों के लिए खड़ा है। उन्होंने कि दुनिया में 200 देश होंगे। लेकिन भारत की जो सेना है वह दुनिया में किसी फौज से कम नहीं है। हमारा पराक्रम पूरी दुनिया मानती है। पायलट ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों की बैठक ली।
सचिन पायलट ने कहा कि मैं एक फौजी परिवार में पैदा हुआ। मेरे दादा फौज में हवलदार थे। उनका सपना था कि उनके बेटे यानी मेरे पिता एक अफसर बने। क्योंकि जब नॉन कमिश्नर होते हैं। फौजी को एक उमीद रहती है कि हमारे घर से कोई ऑफिसर कमीशन लेकर आगे बढ़े तो मेरे पिताजी ने एयरफोर्स में काम किया और मुझे खुशी है कि मुझे मौका मिला कि मैं प्रादेशिक आर्मी में 2012 से काम कर रहा हूं। वर्दी पहनकर जो एहसास होता है उसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। यह वहीं जानते हैं जिन्होंने वर्दी पहनी है। सरकार किसी की भी हो। किसी भी रंग की बन जाए, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री कोई भी हो। लेकिन हमारे फौजियों पर सबको गर्व है।