बांध के कैचमेंट क्षेत्र में बारिश नहीं होने से जलस्तर पूरा नहीं हो पाया। फिलहाल उक्त जलस्तर आरएल 309.50 मीटर के करीब है, जो कि पेयजल व सिंचाई दोनों की दृष्टि से अपर्याप्त है। यंू तो शहर को बीसलपुर पेयजल योजना से प्रतिदिन 27 लाख लीटर पानी मिलता था, जो अब घटकर 12 लाख कर दिया गया।
लिहाजा बीसलपुर परियोजना से 15 लाख लीटर पानी कम मिल रहा है। उधर, देवपुरा स्थित शहर के पुराने व परम्परागत जल स्रोत ने भी हाथ खड़े करने शुरू कर दिए। जहां देवपुरा से सामान्यत: 8 लाख लीटर पानी प्रतिदिन प्राप्त होता था, जो अब घटकर 6 लाख लीटर पानी रह गया।
इसका कारण जल स्रोत का जलस्तर कम होना है। इसी प्रकार शहर के दोनों ही जल स्रोत से 17 लाख लीटर पानी कम हो गया है, जिसका असर शहर की जलापूर्ति पर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि शहर में हनुमाननगर सहित क्षेत्र में प्रतिदिन 35 लाख लीटर जलापूर्ति की जाती थी, जो अब घटकर 18 लीटर पानी रह गया।
विभाग के कनिष्ठ अभियंता पूरणमल बैरवा ने बताया कि पानी कम मिलने से विकल्पात्मक व्यवस्था करनी पड़ रही है। इसके तहत शुक्रवार को शहर की जलापूर्ति होगी। जबकि इसी दिन शाम को हनुमाननगर सहित आधा दर्जन कॉलोनियों में होने वाली जलापूर्ति रोकी जाएगी, जो अगले दिन शनिवार सुबह होगी।
उन्होंने बताया कि शहर के हनुमाननगर, कोटा रोड, ज्योति कॉलोनी, कुंचलवाड़ा रोड, जैन कॉलोनी, एजेंसी, पटेल नगर व साकेत कॉलोनी की जलापूर्ति सुबह होगी। अलबत्ता शुक्रवार सुबह शहर की तथा शनिवार सुबह हनुमाननगर सहित शाम वाले क्षेत्रों में जलापूर्ति होगी।
इसी प्रकार क्रमिक जलापूर्ति व्यवस्था जारी रहेगी। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि यदि पानी की ओर कटौती होगी, तो 72 घंटे में एक बार जलापूर्ति करनी पड़ सकती है। व्यवस्था करनी पड़ेगी
शहर को मिलने वाले पानी में 50 फीसदी की कटौती हो गई। 35 लाख लीटर पानी के मुकाबले महज 18 लाख लीटर पानी मिल रहा है। ऐसे में दो दिन में एक बार जलापूर्ति की व्यवस्था करनी पड़ेगी।
प्रदीप तिवाड़ी, सहायक अभियंता, पीएचईडी, देवली