रोडवेज की संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति पदाधिकारियों का कहना था कि लोकपरिवहन के चालक, परिचालक समझौते का पालन नहीं कर रहे। जबकि गत दिनों प्रशासन की ओर से इनके लिए स्थान चिह्नित किया गया था। इसके बावजूद चालक बसों का जबरन रोडवेज बस स्टैण्ड तक ला रहे हैं। इसके साथ ही बोनस का भुगतान रोकने से रोडवेजकर्मियों में नाराजगी है।
कर्मचारियों ने बताया कि सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने के नाम पर रोडवेज की बेशकीमती जमीन बेचने की तैयारी कर रही है।
सरकार के इस कदम को रोडवेजकर्मी सहन नहीं करेंगे। इसके विरोध में रोडवेज के इन्टक, एटक, सीटू समेत अन्य संगठनों के रोडवेजकर्मियों ने एक से दो बजे तक कार्य का बहिष्कार किया।
इस बीच संचालन ठप रहा। इन्टक के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अशफाक ने बताया कि इस मौके पर रोडवेज सेवानिवृत्त कल्याण समिति के सरंक्षक रशीद मोहम्मद, श्योजीलाल, रोडवेज कल्याण समिति के अध्यक्ष राधेश्याम मीना,
हनुमान जाट, एटक के श्योजीराम जाट, उमर खान समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।इधर, मुख्य आगार प्रबन्धक रामचरण गौचर ने बताया कि एक घंटे यातायात बाधित रहा था। दो बजे बाद बसों का संचालन फिर से सुचारू शुरू हो गया।
कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया टोंक. सातवें वेतनमान को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से जिलाध्यक्ष जगदीश प्रसाद व पर्यवेक्षक अरूणा शर्मा के नेतृत्व में कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया। संघ के जिला मंत्री सुरेन्द्र नामा ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशे प्रदेश में एक जनवरी 2016 से लागू करने, एरियर का नकद भुगतान करने, शिक्षकों के सभी संवर्गों का वेतनमान केन्द्र के शिक्षकों के समकक्ष करने, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग की गई।
इसके बाद कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर राजेन्द्रप्रसाद शर्मा, सी. पी. कुर्मी, बीलकंवर, छीतरलाल, रामलखन, सूवालाल, मोहरसिंह समेत कई शिक्षक शामिल थे।