जी हां, बीते बुधवार को श्रीसंत ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में आरोप कबूल करने के लिए उन्हें हिरासत में निरंतर यातनाएं दीं।’
गौरतलब है की श्रीसंत को जुलाई 2015 में एक निचली अदालत ने आरोपमुक्त किया था और अब श्रीसंत का दावा है कि उन्होंने यह अपराध केवल इसलिए कबूल किया था क्योंकि पुलिस ने हिरासत में उन्हें यातनाएं दीं और इस मामले में उनके परिवार को फंसाने की धमकी दी थी’।
आप सभी को याद हो की न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ से श्रीसंत के वकील ने कहा था कि ‘मैच फिक्सिंग के कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं हैं और बीते पांच-छह वर्षों में श्रीसंत ने इस वजह से बहुत परेशानी झेली है।’
हाल में श्रीसंत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पीठ से कहा, ‘तथ्यों और जिस तरह से ये चीजें हुई हैं उन्हें देखते हुए, इस अदालत को इस बात पर विचार करना चाहिए कि यह (बीसीसीआई द्वारा श्रीसंत पर आजीवन पाबंदी) अनुचित है। उन्होंने बीते पांच-छह साल में बहुत परेशानी झेली है। लोग चाहते हैं कि वह क्रिकेट खेलें। वह बीसीसीआई के प्रति अत्यंत ईमानदार हैं।’