मैं आम तौर पर लोगों के आसपास रहना पसंद करती हूं और लॉकडाउन से पहले मैं भावनात्मक रूप से लोगों पर निर्भर थी। लॉकडाउन ने मुझे अधिक आत्मनिर्भर होना सिखाया है। अपने घर और अपने पालतू पशुओं की अकेले देखभाल की, जिससे मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा।
यह समय सभी के लिए कठिन है। मैंने महसूस किया कि कैसे इस स्थिति ने सबकुछ रोक दिया और चीजें थम—सी गईं। हालांकि इस परिस्थिती से काफी कुछ सीख भी मिली। इस महामारी ने मुझे अधिक विनम्रता और दया के साथ हर किसी के साथ बात करना और व्यवहार करना सिखाया है। अब मैं लोगों के साथ अधिक सौम्य हूं क्योंकि हम नहीं जानते कि दूसरे व्यक्ति पर क्या गुजर रही है।
नमिश तनेजा
मुझे लगता है हम जिस तरह जीवन जीवन जी रहे थे, उसमें हम बहुत बिजी थे। परिवार के लिए समय नहीं था। महामारी ने सबकुछ स्थिर कर दिया। हम अपने दैनिक जीवन में बहुत तल्लीन थे और हमेशा कार्य सम्पाप्त करने की कोशिश में रहते थे। इस लॉकडाउन ने मुझे वर्तमान में पूरी तरह से जीवन जीना सिखाया और जीवन को हलके में ना लेना सिखाया। इसने मुझे सिखाया कि मैं अपने भविष्य को सुधारने की कोशिश में अपने वर्तमान ख़राब न करूं।