रोहिताश का कहना है, ‘चंडीगढ़ के कालका से मुंबई आने के बाद मुझे गणेश चतुर्थी का महत्व और उसकी भव्यता का अहसास हुआ। मैंने शादी के बाद अपने परिवार के साथ डेढ़ दिन के उत्सव से इस त्योहार को मनाने की शुरुआत की लेकिन सामान्य गणेश प्रतिमा की वजह से पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभाव को देखते हुए, हमने इस त्योहार को ईको-फ्रेंडली तरीके से मनाने का फैसला किया।’
‘आपके आ जाने से’ में साहिल का रोल कर रहे हैं करण जोतवानी कहते हैं,’गणेश उत्सव एक ऐसा त्यौहार है जो सारे परिवार को एक साथ लाता है। घर पर हम लोग डेढ़ दिन के लिए गणपति स्थापना करते हैं। इस त्यौहार के दौरान सारे माहौल में फैला उत्साह मुझे बहुत पसंद है। सभी लोग गणपति के आगमन का जश्न मनाते हैं। मैं बाप्पा से प्रार्थना करता हूं कि वे हमें अच्छा स्वास्थ्य दें, हमें अंदर से मजबूत बनाएं और चारों ओर सकारात्मक सोच फैलाएं।’
सौम्या टंडन उर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अनीता
सौम्या ने कहा,’सच कहूं तो गणेश चतुर्थी को लेकर मेरी मिली-जुली भावनाएं हैं। हमारे घर में गणेशजी की कई सारी प्रतिमाएं हैं लेकिन हम उन्हें विसर्जित नहीं करते। जहां तक मैं अपने धर्म और इतिहास को समझती हूं, गणेश का विसर्जन हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। इको फ्रेंडली मूर्ति के विचार को भी मैं सपोर्ट नहीं करती क्योंकि यह केवल दिखावटी प्रेम है। मैं मूर्तियों के विसर्जन के पूरी तरह खिलाफ हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि उनके विसर्जन से पानी प्रदूषित होता है, समुद्र तट गंदा होता है और समुद्री जीवन खत्म होता है।’
‘गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा’ के अक्षत जिंदल
‘गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा’ में अक्षत जिंदल की भूमिका निभा रहे निशांत मलकानी कहते हैं, ‘गणेश चतुर्थी से जुड़ी मेरी बचपन की कुछ खूबसूरत यादें हैं। मुझे अच्छे से याद है कि हम लोग इस त्यौहार के लिए कितना उत्साहित रहते थे और रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान पहनकर बड़े धूमधाम से यह त्यौहार मनाते थे। हर साल हम लोग अपने परिवार के साथ आसपास के पंडाल देखने जाते हैं और इस जश्न में शामिल होते हैं।’फरनाज शेट्टी उर्फ ‘सिद्धिविनायक’ की सिद्धि
फरनाज ने कहा,’मुझे लगता है कि गणेश चतुर्थी वाकई बहुत खूबसूरत और एक-दूसरे से मिलने-जुलने वाला त्योहार है, क्योंकि यह पूरे परिवार को कुछ समय के अलगाव के बाद एक साथ आने का मौका देता है। मैं हमेशा भगवान गणेशजी की पूजा करती हूं और मेरा मानना है कि मेरी लगातार कामयाबी के पीछे उन्हीं का हाथ है। जब मैं छोटी थी तो मुझे लगता था कि गणेशजी के कान में कोई इच्छा बोलने से वह जीवन में जरूर पूरी हो जाती है। टेलीविजन इंडस्ट्री में काम करने के दौरान, मुझे लगता है कि मेरी वह इच्छा पूरी हो गई, क्योंकि मैं -टीवी के ‘सिद्धिविनायक’ में सिद्धि की भूमिका निभा रही हूं।’