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उदयपुर

दो साल में 260 नमूने फेल, कोई नहीं पहुंचा सलाखों के पीछे

– अन्य ढाई सौ मामलों में अलग-अलग प्रकार की सामने आई मिलावट
-मिलावटखोर केवल जुर्माना भर बचते रहे

उदयपुरOct 23, 2020 / 08:10 am

bhuvanesh pandya

अन्य ढाई सौ मामलों में अलग-अलग प्रकार की सामने आई मिलावट

अन्य ढाई सौ मामलों में अलग-अलग प्रकार की सामने आई मिलावट

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. किसी ने मिठाई में मिलावट की थी तो किसी ने मसालों में, किसी ने दूध में गड़बड़ की तो कोई मावे में मिलावट कर ज्यादा मुनाफा कमाने लग गया, लेकिन इन मिलावटखोरों में से किसी को भी अब तक जेल की सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया। लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले ये मिलावटखोर चंद रुपए जुर्माने का भर आसानी से छूट रहे हैं। खास बात ये है कि यदि ये किसी अधिकारी के हाथ लगते हैं तो वह मिलावटी और हाथ नहीं लगते तो वह सफेदपोश।
पिछले दो वर्ष में उदयपुर में खाद्य सामग्री के कुल 856 में से 260 नमूने फेल हो गए है। यानी अमानक श्रेणी के मिले हैं, जबकि ढाई सौ मामले ऐसे सामने आए, जिनमें अलग-अलग तरह की मिलावट थी।
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केवल पांच मामलों का निर्णय पहुंचा खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज ने बताया कि उनके पास 2019 का केवल पांच मामलों का निर्णय पहुंचा हैं, इसमें एडीएम कोर्ट ने उन पर 1 लाख 30 हजार जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य मामले अब तक लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि अनसेफ मामलों को छोड़कर जो मामले मिलावट के पकड़े जाते हैं, इसकी सुनवाई एडीएम प्रशासन की कोर्ट में होती है, इसमें टेस्ट करवाने के बाद सब स्टैडर्र्ड व मिस ब्रांड आने पर न्याय निर्णय अधिकारी यानी एडीएम के पास मामला जाता है। अनसेफ मामलो में मामले न्यायालय में जाते हैं, जिनमें सजा का प्रावधान है। छह माह से लेकर उम्र कैद तक का प्रावधान है।
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वर्ष- कुल नमूने- फेल- सब स्टेंडर्ड- अनसेफ-मिसब्रांड
2019- 689- 191- 59- 36- 96

2020 167- 69- 20-13- 26 सितम्बर तक की स्थिति
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इसी अवधि में एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एण्ड स्टेडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया)और राज्य सरकार की ओर से प्रायोजित सर्वेक्षण में यह आया सामने
– मिल्क, दूध सर्विलेंस- कुल 65 नमूनों में से 27 फेल हुए
– स्पाइसेज, मसाला सर्विलेंस- कुल 36 नमूनों में से 29 फेल हुए
– मावा व खोया सर्विलेंस- कुल 13 नमूनों में से 4 फेल

– एफएसएसएआई व राज्य सरकार ने मिलकर दूध और मसालों का सर्वेक्षण करवाया था। इसमें उदयपुर, चित्तौडगढ़़, राजसमन्द तीन जिलों में प्राप्त 65 में से 27 नमूने अमानक यानी फेल रहे। दूध में नमक और मिल्क पाउडर में मिलावट मिली। प्राकृतिक दूध गाय, भैंस व बकरी के दूध में मिक्स मिल्क में एसएमपी मिलाना मिलावट है। इससे मधुमेह बीपी व मोटापे जैसी समस्या होती है। तीनों जिलों के मसालों की जांच पर 36 में से 29 नमूने फेल रहे।
– मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब में की गई जांच में मावा खोया के 13 नमूनों में से 4 अमानक पाए गए।
दो वर्ष में किसी को जेल नहीं
फिलहाल वर्ष 2019 के पांच मामलों में जुर्माना किया गया है। कुछ और मामलों में निर्णय आए हैं, लेकिन कॉपी हमारे पास नहीं है। अभी तक इन दो वर्ष में तो किसी को जेल नहीं हुई है।
अनिल भारद्वाज, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, उदयपुर
प्रयास रहता है कोई मामला लंबित न रहे

जैसे-जैसे नमूने हमें मिल रहे हैं हम जांच कर इसकी रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय भेज रहे हैं। हमारे पास जो प्रकरण है, इसमें से प्रयास ये रहता है कि कोई पेंडिंग नहीं रहे।
रवि सेठी, फूड एनालिस्ट, जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला, उदयपुर

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