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उदयपुर

अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर से खुलने लगे राज: राजस्थान के खनन माफिया को बेचा विस्फोटक

अमानियम नाइट्रेट का सरगना अविनाश बाहेती ने चार गुना कीमत पर बेचकर कमाया पैसा

उदयपुरAug 14, 2017 / 06:43 pm

Mohammed illiyas

ACCUSED AVINASH BAHETI
 उदयपुर. विस्फोटक में काम आने वाले अमोनियम नाइट्रेट के करीब १५ सौ ट्रक पार कर सरगना अविनाश बाहेती ने अब तक सारा माल खनन माफिया को चार गुना कीमत में बेचा। पांच साल से चल रहे इस खेल में प्रति ट्रक २० लाख रुपए तक कमाए। मास्टरमाइंड अकेला बाहेती ही था, इसलिए खनन माफिया की नजर में वह अमोनिया किंग बन गया। माफिया ने भी वैध विस्फोटक के मुकाबले सस्ता मिलने के कारण कैश में काफी माल खरीदा। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने किसी तरह की आतंकी घटनाओं से आरोपित के सम्पर्क व माल सप्लाई से इनकार किया है। हालांकि पुष्टि के लिए जांच चल रही है। गौरतलब है कि उदयपुर पुलिस ने शुक्रवार को अमोनियम नाइट्रेट की कालाबाजारी के सरगना अविनाश पुत्र महेन्द्र बाहेती को इन्दौर से गिरफ्तार किया था। आरोपित मूलत: भीलवाड़ा के गुलाबपुरा का रहने वाला है।
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वाकिफ था राजस्थान की जरूरत से

बाहेती मूलत: गुलाबपुरा (राजस्थान) का होने से उसे प्रदेश में माइनिंग क्षेत्र व वहां होने वाले विस्फोट के बारे में पूरी जानकारी थी। इसी कारण उसने माल की फर्जी बिल व बिल्टी बनाकर माल को पूरे राजस्थान में अलग-अलग जगह पर सप्लाई किया, तथा कारोबार को मध्यप्रदेश तक भी फैलाया। पाउडर के रूप में माल होने व बिल्टी पर भी अन्य केमिकल पाउडर का उल्लेख होने से किसी ने कभी भी कोई ध्यान नहीं दिया। उदयपुर पुलिस को पता चलने के बाद जब वर्ष २०१६ में दो ट्रक पकड़े तो पुलिस को आगे की कड़ी जोडऩे में पसीना आ गया। पूर्व में पकड़ में आए सभी लोग चालक-खलासी व ट्रांसपोर्टर थे, पूछताछ में केवल एक ट्रक से माल खाली कर दूसरे ट्रक में भरने व सप्लाई करने की जानकारी आई लेकिन माल कहां से लोड हुआ कौन नहीं जानता था। पुलिस ने जब इसकी कड़ी जोड़ते ट्रांसपोर्टर रवि तक पहुंची तो वह भी कुछ जवाब नहीं दे पाया।
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डेढ़ साल लग गए आरोपित तक पहुंचने में
सुखेर थाना पुलिस ने गत १५ फरवरी को प्रतापनगर पुलिस ने १० मार्च २०१६ को दो ट्रक पकड़े थे। माल की तफ्तीश के लिए पुलिस ने संबंधित विभाग व कंपनियों को कई पत्राचार कर जानकारी मांगी, कई बार टीमें गई लेकिन हर बार आधा अधूरा जवाब मिला। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तफ्तीश का दायरा बनाते हुए कुछ दस्तावेज जुटाएं तो उन्हें समझने में पसीना आ गया। नियम कायदे पढे़, उसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ी तब तक आरोपित कई ट्रक राजस्थान बॉर्डर से पार कर चुका था।

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