READ MORE: अमोनियम नाइट्रेट की कालाबाजारी: विस्फोटक बेच नौकरों के खातों से करता था करोड़ों का लेन-देन वाकिफ था राजस्थान की जरूरत से बाहेती मूलत: गुलाबपुरा (राजस्थान) का होने से उसे प्रदेश में माइनिंग क्षेत्र व वहां होने वाले विस्फोट के बारे में पूरी जानकारी थी। इसी कारण उसने माल की फर्जी बिल व बिल्टी बनाकर माल को पूरे राजस्थान में अलग-अलग जगह पर सप्लाई किया, तथा कारोबार को मध्यप्रदेश तक भी फैलाया। पाउडर के रूप में माल होने व बिल्टी पर भी अन्य केमिकल पाउडर का उल्लेख होने से किसी ने कभी भी कोई ध्यान नहीं दिया।
उदयपुर पुलिस को पता चलने के बाद जब वर्ष २०१६ में दो ट्रक पकड़े तो पुलिस को आगे की कड़ी जोडऩे में पसीना आ गया। पूर्व में पकड़ में आए सभी लोग चालक-खलासी व ट्रांसपोर्टर थे, पूछताछ में केवल एक ट्रक से माल खाली कर दूसरे ट्रक में भरने व सप्लाई करने की जानकारी आई लेकिन माल कहां से लोड हुआ कौन नहीं जानता था। पुलिस ने जब इसकी कड़ी जोड़ते ट्रांसपोर्टर रवि तक पहुंची तो वह भी कुछ जवाब नहीं दे पाया।
READ MORE: हज यात्रा पर गए परिवार के घर चोरी का हुआ खुलासा, 10 दिन में खुली वारदात डेढ़ साल लग गए आरोपित तक पहुंचने मेंसुखेर थाना पुलिस ने गत १५ फरवरी को प्रतापनगर पुलिस ने १० मार्च २०१६ को दो ट्रक पकड़े थे। माल की तफ्तीश के लिए पुलिस ने संबंधित विभाग व कंपनियों को कई पत्राचार कर जानकारी मांगी, कई बार टीमें गई लेकिन हर बार आधा अधूरा जवाब मिला। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तफ्तीश का दायरा बनाते हुए कुछ दस्तावेज जुटाएं तो उन्हें समझने में पसीना आ गया। नियम कायदे पढे़, उसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ी तब तक आरोपित कई ट्रक राजस्थान बॉर्डर से पार कर चुका था।