पुलिस ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट की कालाबाजारी के सरगना अविनाश पुत्र महेन्द्र बाहेती ने राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश के सतना, छतरपुर, बीना, सिंगरोली, जबलपुर आदि क्षेत्र में माल सप्लाई किया। दिल्ली व मुंबई से माल का मंगवाकर उसने देवास में इसका स्टॉक किया और वही सप्लाई का मुख्य केन्द्र रहा। आरोपित मूलत: गुलाबपुरा के रूपाली कलां गांव का रहने वाला है। उसके पिता महेन्द्र पूर्व में ट्रैक्टर के कम्प्रेशर का काम करते थे जो बाद में महाराष्ट्र चले गए। अविनाश परिवार से अलग हो गया। पुलिस ने अभी पूछताछ में जुटी है। गौरतलब है कि उदयपुर पुलिस ने शुक्रवार को अमोनियम नाइट्रेट की कालाबाजारी के सरगना अविनाश पुत्र महेन्द्र बाहेती को इन्दौर से गिरफ्तार किया था।
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नहीं बता पाया खपत कहां की
वर्ष 2011 से पहले अमोनियम नाइट्रेट का अलग से लाइसेंस जारी किया। खाद में काम आने वाले इस रसायन का उपयोग विस्फोट में आने के बाद से सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा नियम सख्त कर दिए। अभी भी कोई भी व्यक्ति इसे खरीद तो सकता है लेकिन उपयोग दर्शाना होता है। तभी कंपनी सप्लाई देती है। वर्तमान में मुंबई, दिल्ली में सरकार द्वारा अधिकृत कंपनी आरएफसी, जीएनएफसी, दीपक फर्जिलाइजर ही माल सप्लाई कर रही है। बाहेती ने अधिकांश माल फर्जी फर्मों के नाम से दीपक फर्टिलाइजर से उठाया। बकायदा वहां इसकी एन्ट्री भी है लेकिन इसकी खपत कहां की, उसने कहीं नहीं दर्शाया। इस पर वह खामोश है।
डीजल मिलाकर तैयार करते थे विस्फोट
खनन में ब्लास्ंिटग के लिए माफिया अमोनियम नाइट्रेट में डीजल मिलाते थे। कोयले का चूरा मिलाकर गुल्ले के रूप में तैयार करते। फिर धड़ को जलाकर विस्फोट करते थे। बताया जा रहा है कि एक बार में भारी मात्रा में विस्फोट से पहाड़ को भी धाराशाई किया जा सकता है।
नहीं बता पाया खपत कहां की
वर्ष 2011 से पहले अमोनियम नाइट्रेट का अलग से लाइसेंस जारी किया। खाद में काम आने वाले इस रसायन का उपयोग विस्फोट में आने के बाद से सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा नियम सख्त कर दिए। अभी भी कोई भी व्यक्ति इसे खरीद तो सकता है लेकिन उपयोग दर्शाना होता है। तभी कंपनी सप्लाई देती है। वर्तमान में मुंबई, दिल्ली में सरकार द्वारा अधिकृत कंपनी आरएफसी, जीएनएफसी, दीपक फर्जिलाइजर ही माल सप्लाई कर रही है। बाहेती ने अधिकांश माल फर्जी फर्मों के नाम से दीपक फर्टिलाइजर से उठाया। बकायदा वहां इसकी एन्ट्री भी है लेकिन इसकी खपत कहां की, उसने कहीं नहीं दर्शाया। इस पर वह खामोश है।
डीजल मिलाकर तैयार करते थे विस्फोट
खनन में ब्लास्ंिटग के लिए माफिया अमोनियम नाइट्रेट में डीजल मिलाते थे। कोयले का चूरा मिलाकर गुल्ले के रूप में तैयार करते। फिर धड़ को जलाकर विस्फोट करते थे। बताया जा रहा है कि एक बार में भारी मात्रा में विस्फोट से पहाड़ को भी धाराशाई किया जा सकता है।