लालचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर ग्रामीण विधानसभा में 1413 क्विंटल बीज की मात्रा दी गई। 20467 किसानों को दी गई है। मीणा ने जवाब में कहा कि ग्रामीण विधानसभा में केवल 27 ग्राम पंचायतों में केवल 264 किसानों को ही बीज बांटे गए। केवल दो ग्राम पंचायतों में 109 किसानों को दिया, जबकि 25 पंचायतों में केवल 154 किसानों को ही बीज दिए गए। जिन ग्राम पंचायतों की ये चर्चा कर रहे है, वहां पहाड़ी भौगोलिक स्थिति है।
शहर विधायक व प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र में सभी जनजाति परिवारों को नि:शुल्क बीज देने के नियम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब सभी को बीज देने होते हैं तो फिर उड़द वितरण में अनियमितता क्यों हुई, जिसमें बारा में 6, बारापाल में 7, बछार में 7 को मिला। मक्का वितरण पर भी कहा कि खरपिणा 95 प्रतिशत जनजाति क्षेत्र है, इसमें केवल 4 किसानों को ही मिला। सभी को बीज वितरण क्यों नहीं किया गया, जबकि जनजातियों में सभी को नि:शुल्क बीज देने होते हैं। जवाब में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर से मक्का की मांग ज्यादा आती है, उसी के अनुरूप सप्लाई की गई है। इस पर फिर से गुलाबचंद कटारिया ने सवाल किया कि ऐसी पंचायतें, जहां जनजातियां कम है, वहां बीज वितरण की मात्रा अधिक है, और जहां जनजातियां अधिक हैं, वहां बीज वितरण कम किया गया है, ऐसा क्यों ? कटारिया ने कहा कि खरपिणा, बारा व बछार जिसमें जनजातियां अधिक हैं, वहां कम दिया गया, जबकि बूझड़ा में जनजाति किसान कम है तो वहां 44 को बीज वितरण किया गया। ऐसा क्यों। इस पर मंत्री कटारिया ने गोलमोल जवाब देने का प्रयास किया तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को बीच में बोलना पड़ा। इस पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया इसे दिखवाने की बात कहने लगे।