ये दिए उदाहरण
ज्ञापन में बताया कि तकनीकी सहायक राजेंद्र डोडियार का काम के दौरान हादसे में निधन हो गया था। उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता निगम व कानूनी प्रावधानों के तहत अब तक प्रदान नहीं की गई है। साथ ही खेरवाड़ा सहायक अभियंता कार्यालय में कार्यरत तकनीकी कर्मचारी मोहनलाल मीणा पुत्र गणेशलाल मीणा बीमारी के कारण कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सके। लगभग पांच वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर भी कार्मिक अधिकारी ने न तो कर्मचारी हित में कोई न्यास सम्मत कार्रवाई की और न ही उसे किसी प्रकार वेतन जारी किया गया। ऐसा करते हुए कार्मिक अधिकारी ने अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करते हुए उक्त कामगार की जिम्मेदारी विभाग पर डाल दी।
ये भी बताई कमियां
सरकार ने करीब तीन माह पूर्व कर्मचारी कल्याण शिविर लगाने के निर्देश दिए। इसके बावजूद अब तक एक भी शिविर आज तक नहीं लगाया गया। इसी प्रकार तकनीकी कामगारों की सुरक्षा को लेकर सीएंडडी प्रशिक्षण नहीं दिए जा रहे। निगम प्रबंधन के निर्देश पर आयोजित जागरूकता शिविर के दौरान भी कार्मिक अधिकारी अपने कर्तव्य से विमुख रहते हैं। डूंगरपुर तथा राजसमंद में सीएंडडी प्रशिक्षण शिविरों की जांच, डूंगरपुर-राजसमंद में की गई तकनीकी कर्मचारियों की पदोन्नति की जांच करवाई जाए। साथ ही ओवर टाइम की राशि समय पर कर्मचारियों को नहीं दी गई है।
कर्मचारियों की समस्याओं संबंधित जानकारी मेरे पास नहीं है। मैं कल ही इन्हें दिखवाता हूं और कर्मचारियों को नियमानुसार जो भी सहयोग किया जा सकता है वह होगा।
एसके सिन्हा, अधीक्षण अभियंता, अविविनिलि, उदयपुर