कहने को तो फलासिया पंचायत समिति क्षेत्र के मादड़ी, कोल्यारी, बिछीवाड़ा, सोम, मानपुर, डैया, बिरोठी व फलासिया में प्रदेश सरकार की ओर से करोड़ों की लागत वाले राजकीय भवन बना रखे हैं, लेकिन हकीकत में इन राजकीय भवनों में ड्यूटी ऑवर्स में भी सन्नाटा पसरा रहता है। इक्का-दुक्का नाम के मरीजों का उपचार कर नर्सिंग स्टाफ ओपीडी और आइपीडी का कोटा पूरा करते हैं। उसमें भी मानपुर में ऐसा औषधालय है, जहां एक भी स्टाफ की सुविधा नहीं है। व्यवस्था के तहत सप्ताह में दो दिन के लिए सोम क्षेत्र से यहां एक नर्सिंग स्टाफ को नियुक्त किया हुआ है।
आयुर्वेद महकमे में बिगड़े ढर्रे की एक वजह नियंत्रण की कमी भी है। उच्चाधिकारियों की नजरंदाजी के बीच इन औषधालयों और चिकित्सालयों का नियमित निरीक्षण नहीं होता है। इसके चलते नर्सिंग स्टाफ की मनमानी हमेशा हावी होती है। पंचायत समिति स्तर पर दिखावे के लिए एक नोडल ऑफिसर की भी व्यवस्था है, लेकिन हकीकत में यहां कोई भी चेहरा निरीक्षण का जोखिम नहीं उठाता है। नोडल के नाम पर केवल दस्तावेज आगे बढ़ाने का कार्य होता है। वैद्यों के अभाव में ये चिकित्सालय केवल नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं।
एक ओर ऑन सुविधा के साथ सरकारी महकमे जहां अपडेट हो रहे हैं। वहीं आयुर्वेद महकमे के कर्णधार आज भी पुरानी परिपाठी पर ही काम कर रहे हैं। उच्चाधिकारियों तक सूचनाएं पहुंचाने के लिए यहां आज भी हस्तलिखित दस्तावेज बढ़ाने का प्रचलन है। विभागीय कार्मिकों की स्थिति यह है कि नोडल होने के बावजूद यहां के कर्मचारियेां की तनख्वाह आज भी पुरानी व्यवस्था के तहत उदयपुर मुख्यालय से ही बन रही है।
नोडल प्रभारी भी गायब
फलासिया पंचायत समिति में अब से पहले कभी एक नोडल प्रभारी था। उसके जाने के बाद से एक नर्सिंग कर्मचारी इस व्यवस्था को संभालता है। सभी रिपोर्ट वह संकलन कर झाड़ोल भिजवाता है। डाक के माध्यम से यह दस्तावेज उदयपुर मुख्यालय पहुंचते हैं।
भानू कुमार जैन, नोडल प्रभारी, झाड़ोल
आयुर्वेद विभाग में स्टाफ और चिकित्सकों की कमी से फलासिया ही नहीं वरन पूरा उदयपुर जिला प्रभावित है। प्रदेश सरकार को इस समस्या से अवगत कराया हुआ है। Ayurved News आगामी दिनों में फलासिया क्षेत्र में एक से दो वैद्य की सुविधा दी जाएगी।
गिरजाशंकर जोशी, उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग उदयपुर