video : उदयपुर के इस छोटे से गांव के बाबूलाल ने जुगाड़ से तैयार कर दी ये गजब की मशीन… बिना बिजली करेगी काम
कम लागत में बिना बिजली चलती है चक्की
उदयपुर के इस छोटे से गांव के बाबूलाल ने जुगाड़ से तैयार कर दी ये गजब की मशीन…
शुभम कड़ेला/मावली (निप्र). प्रकाशपुरा के 28 वर्षीय बाबूलाल गायरी ने जुगाड़ तकनीक से आटा चक्की का ऐसा सेटअप तैयार किया है, जो कम लागत में बिना बिजली के चलता है। गांवों में अमूमन बिजली कटौती की समस्या के चलते बाबूलाल ने यह सेटअप तैयार किया। डीजल और चार्जेबल बैट्री से चलने वाला चक्की सेटअप बिजली चलित चक्की से कम लागत में चलता है। खास बात ये भी है कि डीजल पम्प से चार्ज हुई बैट्री से घरेलू बिजली भी चलाई जा सकती है। बाबूलाल की ओर से तैयार चक्की सेटअप सभी को चकित कर रहा है।
बाबूलाल ने बताया कि गांव में बिजली कटौती की अधिकता के कारण ऐसा जुगाड़ सेटअप तैयार किया है, जो अनाज पिसवाने और घरेलू बिजली की मूलभूत जरुरतें पूरी कर सकता है। जुगाड़ में स्वीच स्टार्ट का सेट लगाया है, जिससे इसे चालू करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। श्रमिक वर्ग के बाबूलाल को छोटी उम्र से ही तकनीकी काम में रूचि थी। चक्की के सेटअप में कई तरह के मशीन पाट्र्स को जोड़ा गया है। सारे पाट्र्स को खोलकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है।
ऐसे तैयार किया सेटअप
बाबूलाल ने चक्की सेटअप में पानी लिफ्ट करने का पम्प काम में लिया है। सेटअप इन्वर्टर सिस्टम पर आधारित है। इसमें इंजन, गियर बॉक्स, सेल्फ, नली, बैट्री, पंखा, बाइक की पेट्रोल टंकी को जोड़ा गया है। इंजन में डीजल से दिनभर चक्की चल सकती है। साथ ही 12 वॉल्ट की बैट्री चार्ज होती है, जो 1 घण्टे में चार्ज हो जाती है। इससे 11 घण्टे चक्की चलाई जा सकती है। गियर बॉक्स से पावरफुल इंजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे काम में गुणवत्ता लाई जा सकती है।
पहले बनाया बुवाई का जुगाड़
बाबूलाल ने पहले फसल बुवाई का जुगाड़ बनाया था। जिससे खेत में बुवाई का काम आसान हो गया। कई ग्रामीणों ने प्रकाश के इस जुगाड़ को अपनाया। पहले जुगाड़ की सफलता के बाद बाबूलाल को आटा चक्की सेटअप बनाने की प्रेरणा मिली। बाबूलाल आठवीं पास है। उसने हाल ही में दसवीं की परीक्षा ओपन बोर्ड से दी है।
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