सीसीई पैटर्न में खामियों से छात्रों को नुकसान
वर्ष 2009-10 से सतत् व समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के तहत दसवीं के विद्यार्थी बोर्ड और स्कूल पैटर्न पर परीक्षाएं दे रहे थे। गत वर्ष अन्तिम बार इस पैटर्न पर परीक्षा हुई थी। सीसीई पैटर्न परीक्षा को कई आपत्तियों और समस्याओं के कारण बंद कर दिया गया है। इस बार होने वाले परीक्षा में विद्यार्थियों को अंकतालिका में ग्रेडिंग के साथ अंक भी दिए जाएंगे। अब तक कई स्कूल कम स्तर वाले बच्चों को भी बेहतर सीजीपीए देकर उन्हें आगे तो बढ़ा देते थे, लेकिन इसका असर आगे की कक्षाओं पर पड़ रहा था। हालात ये हो गए थे कि जो बच्चे इस तरह से आगे बढ़ रहे थे, उन्हें बड़ी कक्षाओं में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें लाभ की बजाय नुकसान होने लगा।
अब दो स्तरों पर मूल्यांकन
जब बोर्ड परीक्षा नहीं करवा रहा था, तब दो सेमेस्टर में परीक्षा होती थी। पहला सेमेस्टर वार्षिक से पूर्व और दूसरा सेमेस्टर वार्षिक परीक्षा के तौर पर होता था, जिसमें केवल आधा पाठ्यक्रम ही शामिल था, लेकिन इस बार पूरा पाठ्यक्रम वार्षिक परीक्षा में आएगा, जो बोर्ड परीक्षा कहलाएगी। 80 प्रतिशत अंक बोर्ड परीक्षा और 20 प्रतिशत अंक स्कूल के माध्यम से भेजे जाएंगे। इसके बाद विद्यार्थी का परिणाम तय होगा। इन 20 प्रतिशत अंकों के भी कई मापदण्ड रखे गए हैं, जिसमें विद्यार्थी का समग्र मूल्यांकन होगा। इनमें से स्कूल 20 प्रतिशत में से अंक देगा।
वर्ष 2008-9 से पहले के प्रश्न-पत्रों को आधार मानकर तैयारी शुरू करवाई है। गत पांच वर्षों के पेपर भी फिलहाल किसी काम के नहीं हैं, क्योंकि पूरा पैटर्न नया है। विषयवार अब पूरा कोर्स आएगा, इसके अनुसार तैयारी करवानी पडेग़ी। पहले सेमेस्टर में विद्यार्थी के लिए आधा कोर्स रहता था, लेकिन अब दबाव भी अधिक रहेगा क्योंकि पूरे कोर्स में से सवाल आएंगे।
शशांक टांक, प्राचार्य, आलोक स्कूल उदयपुर