नज़र आया कोरोना का दुष्प्रभाव
इस पर्यवेक्षण शोध पर दवे ने बताया कि पहले पहल तो जब चूजा बहुत छोटा था तो नर-मादा गोरैया चार से पांच मिनट में फिडिंग कराते थे। ज्यों-ज्यों चूजा बड़ा हुआ तो फिडिंग टाईम बढ़ता गया। जब चूजा़ बड़ा होकर घौंसलें से बाहर झांकने लगा तो हर एक मिनट में नर-मादा उसको फिड कराने लगे। यह क्रम लगातार दो दिन चलता रहा। तीसरे दिन नर-मादा के आने का क्रम तीस सैकण्ड हो गया। चौथे दिन अचानक चार से पांच मिनट हो गया। इस प्रकार का अक्रमिक अंतर देखकर आश्चर्य हुआ तो तलाश करने पर पाया कि जिस दिन कोरोना संक्रमण के चलते मोहल्ले में नगर निगम द्वारा फोगिंग की गई थी तो उससे अनैक किट-पतंगे मर गए, जिससे नर-मादा मरे हुए किट पतंगे उठाकर लाने लगे और फिडिंग का क्रम तीस सैकण्ड हो गया। दूसरे दिन अधिकांश किट पतंगे मर जाने से उन्हें चूजे के लिए भोजन की प्राप्ति नहीं हुई और इस कारण से चार-पांच मिनट का क्रम हो गया। पांचवें दिन इसका दुष्प्रभाव देखा कि नर-मादा रोटी के टुकड़े बच्चे को खिलाने लगे जबकि ऐसा आमतौर पर नहीं करते हैं क्योंकि चूजे के विकास के लिए प्रोटिन की आवश्यकता होती है जो कि किट पतंगों में सर्वाधिक होता है।
इस पर्यवेक्षण शोध पर दवे ने बताया कि पहले पहल तो जब चूजा बहुत छोटा था तो नर-मादा गोरैया चार से पांच मिनट में फिडिंग कराते थे। ज्यों-ज्यों चूजा बड़ा हुआ तो फिडिंग टाईम बढ़ता गया। जब चूजा़ बड़ा होकर घौंसलें से बाहर झांकने लगा तो हर एक मिनट में नर-मादा उसको फिड कराने लगे। यह क्रम लगातार दो दिन चलता रहा। तीसरे दिन नर-मादा के आने का क्रम तीस सैकण्ड हो गया। चौथे दिन अचानक चार से पांच मिनट हो गया। इस प्रकार का अक्रमिक अंतर देखकर आश्चर्य हुआ तो तलाश करने पर पाया कि जिस दिन कोरोना संक्रमण के चलते मोहल्ले में नगर निगम द्वारा फोगिंग की गई थी तो उससे अनैक किट-पतंगे मर गए, जिससे नर-मादा मरे हुए किट पतंगे उठाकर लाने लगे और फिडिंग का क्रम तीस सैकण्ड हो गया। दूसरे दिन अधिकांश किट पतंगे मर जाने से उन्हें चूजे के लिए भोजन की प्राप्ति नहीं हुई और इस कारण से चार-पांच मिनट का क्रम हो गया। पांचवें दिन इसका दुष्प्रभाव देखा कि नर-मादा रोटी के टुकड़े बच्चे को खिलाने लगे जबकि ऐसा आमतौर पर नहीं करते हैं क्योंकि चूजे के विकास के लिए प्रोटिन की आवश्यकता होती है जो कि किट पतंगों में सर्वाधिक होता है।
दिखा दिलचस्प वाकया
दवे ने बताया कि अपने छत पर लगाये गए कृत्रिम घौंसलें से पांच मीटर दूरी पर एक अन्य कृत्रिम घौंसला भी लटकाया था। विगत दो वर्षों से गोरैया का एक जोड़ा इसी एक घौंसले में प्रजनन करता था। यह जोड़ा पास में लगे हुए दूसरे घौंसले में किसी अन्य गोरैया या अन्य पक्षी को नहीं आने दे रहा था परंतु इस वर्ष इस जोड़े के नर ने एक अन्य मादा गोरैया से दोस्ती कर ली और उस घौंसले को भी आबाद कर दिया। शुरू में तो दोनों मादाएं लड़ती थी पर अब दोनों में सुलह होती दिखाई दे रही है और यहीं वजह है कि अब यहां पर एक नर और दो मादाएं अलग-अलग घौंसलों में प्रजनन कर रही है।
दवे ने बताया कि अपने छत पर लगाये गए कृत्रिम घौंसलें से पांच मीटर दूरी पर एक अन्य कृत्रिम घौंसला भी लटकाया था। विगत दो वर्षों से गोरैया का एक जोड़ा इसी एक घौंसले में प्रजनन करता था। यह जोड़ा पास में लगे हुए दूसरे घौंसले में किसी अन्य गोरैया या अन्य पक्षी को नहीं आने दे रहा था परंतु इस वर्ष इस जोड़े के नर ने एक अन्य मादा गोरैया से दोस्ती कर ली और उस घौंसले को भी आबाद कर दिया। शुरू में तो दोनों मादाएं लड़ती थी पर अब दोनों में सुलह होती दिखाई दे रही है और यहीं वजह है कि अब यहां पर एक नर और दो मादाएं अलग-अलग घौंसलों में प्रजनन कर रही है।