सोशल मीडिया पर यह ऑडियो कई ग्रुप में वायरल हुआ, इसमें एक कार्यकर्ता उनसे बात कर टिकट को लेकर बात कर रहा था। बात के अंदाज से साफ लग रहा है कि वह उदयलाल डांगी के टिकट को लेकर बात कर रहा था। कटारिया ने कहा कि जहां तक कोशिश करनी थी कर ली, कार्यकर्ता ने कटारिया से बोला कि मोदी जी से बात कर लेते, कटारिया बोले फोन नहीं मिला। कार्यकर्ता बोला मर जाएंगे सर, कटारिया बोले क्या करे, मै जो कर सकता हूं उतना मै करुंगा।
कटारिया उससे बोले आपके एमपी साहब (चित्तौडगढ़़ सांसद सीपी जोशी के लिए) का बड़ा रोल है, हिम्मत सिंह झाला की तरफ संकेत देते हुए बोले कि वे उनके साथ है, पार्टनर है, भगवान जाने क्या है, मालूम नहीं है? कार्यकर्ता कटारिया से बोला आप तो वरिष्ठ है, कटारिया फिर बोले भैया जितनी चले उतना तो मैने कह दिया, नहीं चले तो मै भी क्या करु, लड़ाई तो करने से नहीं रहा सडक़ पर।
कार्यकर्ता बोला आपके पीछे हमारा नाम भी खत्म हो रहा है, कटारिया बोले कि हो रहा है तो हो जाएगा, पार्टी मेरी जरूरत समझेगी तो काम करेंगे, नहीं तो नहीं करेंगे? कटारिया बोले कि खराब हो रहा है तो क्या करुं, फांसी लगाकर मरू क्या? जो कह सकते कह दिया नाम तो उनका ही चल रहा है, मतलब हिम्मत सिंह का चल रहा है?