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कंपनी मैनेजर अमित टांक ने कहा- नियमानुसार की कार्रवाई
– कंपनी अधिकारी टांक ने कहा कि कोर्ट के स्टे में किराएदार व डांगी के बीच विवाद है। कंपनी पार्टी ही नहीं है।
– मकान सीज की कार्रवाई के दौरान कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी के साथ करीब 50 पुलिसकर्मी थे। ग्राउंड फ्लोर के अलावा सभी मंजिलों पर जाकर देखा था। वहां कोई नहीं मिला, उसके बाद ही मकान में ताला लगाया गया।
– कंपनी ने पूरे नियमानुसार मकान सीज कार्रवाई की। रात को किसी भी तरह से कंपनी की ओर से कोई लॉक नहीं तोड़ा गया।
– कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारी के अलावा पुलिस कार्रवाई के दौरान करीब 4 घंटे वहीं थी। लोग की भीड़ व हल्ला भी था। अगर वे वहीं थे तो बोले क्यों नहीं।
– कार्रवाई के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर ने डांगी को फोन कर आने के लिए 15 मिनट का समय दिया था। उसी वक्त डांगी ने जवाब दिया कि वह बाहर है। कंपनी की ओर से भी उन्हें कॉल किया गया था।
– डांगी के मकान पर सरफेसी ऑर्डर के तहत सीज की कार्रवाई की गई। 18 अप्रेल को न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया कि डांगी 6 माह में 3 अक्टूबर तक कंपनी का पूरा हिसाब करें। कोर्ट के फैसले के समय तक उनके 1 करोड़ से ऊपर तक की बाकियात चल रही थी। न्यायालय के निर्णय के तुंरत बाद ही डांगी को नोटिस भिजवाया था। उन्हें नोटिस से पता चला, तभी तो उन्होंने अपील की थी। नोटिस नहीं मिलने की बात झूठी है।
कंपनी मैनेजर अमित टांक ने कहा- नियमानुसार की कार्रवाई
– कंपनी अधिकारी टांक ने कहा कि कोर्ट के स्टे में किराएदार व डांगी के बीच विवाद है। कंपनी पार्टी ही नहीं है।
– मकान सीज की कार्रवाई के दौरान कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी के साथ करीब 50 पुलिसकर्मी थे। ग्राउंड फ्लोर के अलावा सभी मंजिलों पर जाकर देखा था। वहां कोई नहीं मिला, उसके बाद ही मकान में ताला लगाया गया।
– कंपनी ने पूरे नियमानुसार मकान सीज कार्रवाई की। रात को किसी भी तरह से कंपनी की ओर से कोई लॉक नहीं तोड़ा गया।
– कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारी के अलावा पुलिस कार्रवाई के दौरान करीब 4 घंटे वहीं थी। लोग की भीड़ व हल्ला भी था। अगर वे वहीं थे तो बोले क्यों नहीं।
– कार्रवाई के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर ने डांगी को फोन कर आने के लिए 15 मिनट का समय दिया था। उसी वक्त डांगी ने जवाब दिया कि वह बाहर है। कंपनी की ओर से भी उन्हें कॉल किया गया था।
– डांगी के मकान पर सरफेसी ऑर्डर के तहत सीज की कार्रवाई की गई। 18 अप्रेल को न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया कि डांगी 6 माह में 3 अक्टूबर तक कंपनी का पूरा हिसाब करें। कोर्ट के फैसले के समय तक उनके 1 करोड़ से ऊपर तक की बाकियात चल रही थी। न्यायालय के निर्णय के तुंरत बाद ही डांगी को नोटिस भिजवाया था। उन्हें नोटिस से पता चला, तभी तो उन्होंने अपील की थी। नोटिस नहीं मिलने की बात झूठी है।
यह था मामला
केपिटल फस्ट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने सोमवार को 3.51 करोड़ की बाकियात के चलते भाजपा शहर महामंत्री मोतीलाल डांगी के शिवपार्क कॉलोनी स्थित मकान को सीज कर दिया। दल बल के साथ हुई कार्रवाई में अधिकारियों व पुलिस ने निरीक्षण कर ताले लगाए लेकिन बाद में डांगी ने सपरिवार दूसरे माले पर मौजूद होने की बात कही। फिर भाजपा के पदाधिकारी व पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। रात नौ बजे सभी वहां से चले गए, उसके बाद रात 12 बजे मकान के ताले तोड़ दिए। ताले तोडऩे को लेकर पहले डांगी के परिचित की बात सामने आई लेकिन बाद में सभी अनजान बन गए।