अब तक चिकित्सक से परामर्श के बाद मरीज नमूने देने के लिए १२.३० बजे तक लैब तक पहुंचता था तो उसका नमूना ले लेते थे। बाद में जो भी मरीज लैब में पहुंचता था तो उसे अगले दिन आने का कहकर लौटा दिया जाता था। एेसे में मरीज को जांच के लिए मरीज को अगले दिन फिर आना पड़ता है। मरीज बाहर से आया हो या उसकी हालत गम्भीर हो तो उसे जांच के लिए निजी डायग्नोस्टिक सेंटर की राह पकडऩी पड़ती है। एेसे में नि:शुल्क जांच योजना के बावजूद उसे जेब ढीली करनी पड़ती थी।
वर्तमान में चार सोनोग्राफी मशीन वर्तमान में हॉस्पिटल में जनाना हॉस्पिटल सहित चार सोनोग्राफी की मशीनें हैं। इसके बावजूद सोनोग्राफी करवाने जाने वाले मरीजों को अगली तारीख दी जाती रही है। एेसे में ज्यादातर मरीज बाहर से सोनोग्राफी करवाने को मजबूर थे। नएआदेश में स्पष्ट है कि अब जो भी मरीज सोनोग्राफी के लिए आएगा, उसकी जांच उसी दिन करनी होगी। न्यूनतम १०० सोनोग्राफी तो होनी ही चाहिए। इससे अधिक मरीज होने पर उसे अगले दिन बुलाया जा सकेगा।
—- मरीजों के हित में यह बदलाव किया है ताकि उन्हें अनावश्यक परेशान नहीं होना पड़े, अकारण खर्च भी नहीं उठाना पड़े। सोनोग्राफी के लिए विशेष परिस्थितियों में ही अगले दिन बुलाया जाएगा, अन्यथा उसी समय रिपोर्ट देनी होगी।
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक, महाराणा भूपाल हॉस्पिटल