मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा काउंटर के फार्मासिस्ट गंभीर मरीजों को परामर्श पर्ची पर लिखी उनके लिए आवश्यक दवाइयां उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। यह स्थिति तब है, जबकि मेडिकल कॉलेज के ड्रग हाउस और दवा काउंटर के स्टॉक में इन दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है। यह स्थिति केवल बुजुर्गों के मामले तक ही नहीं है वरन अधिकतर मरीजों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है।
जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं होने पर मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर पर जेब ढीली करनी पड़ रही है। इस अव्यवस्था को लेकर हर माह प्राचार्य की अगुवाई में होने वाली बैठकों के निष्कर्ष को भी दरकिनार किया जा रहा है। चिकित्सालय ड्रग स्टोर रिकॉर्ड के हिसाब से डिल्टीओरजेम ३० स्टॉक में करीब १० हजार, फुरसेमाइट ४० करीब २.५ लाख तथा मल्टी विटामिन ६ लाख टेबलेट उपलब्ध हैं।
आगे से सप्लाई नहीं
हृदय रोगी ओस्तवाल नगर निवासी सतीशचंद्र भटनागर की मानें तो गत एक वर्ष में वह चिकित्सकीय परामर्श के बाद कई बार नि:शुल्क दवा काउंटर पर दवाइयां लेने पहुंचे, लेकिन जीवनरक्षक दवाइयों में शामिल कार्वेडियोल-३.१२५एमजी दवा उन्हें काउंटर पर नहीं दी गई। इसी तरह डिल्टीओरजेम ३० एमजी दवा के लिए उन्हें हर बार अनुपलब्धता का हवाला देकर लौटा दिया गया।
इसी तरह, गायरियावास निवासी चंपालाल चवालिया ने बताया कि गत २ माह के दौरान अधिकतर मौकों पर उन्हें दवा काउंटर पर फुरसोइमाइड ४० एमजी उपलब्ध नहीं होने पर निराशा होना पड़ा। एेसा ही स्थिति मल्टीविटामिन टेबलेट एमवीबीसी की है। लोगों को दवा काउंटर्स पर लगे फार्मासिस्टों एवं हेल्पर्स की ओर से आगे से सप्लाई नहीं आने की दुहाई दी जाती है।
जहमत नहीं उठाते
नियमानुसार ऑनलाइन व्यवस्था से जुडे़ दवा काउंटर्स के कम्प्यूटर पर अन्य काउंटर्स का स्टॉक भी दिखना चाहिए ताकि संबंधित काउंटर पर दवा नहीं होने की स्थिति में संबंधित दवा को समीपवर्ती काउंटर से उपलब्ध करवाया जा सके। फार्मासिस्ट के साथ इसलिए ही हेल्पर उपलब्ध करवाए हुए हैं ताकि आवश्यकता पर समीपवर्ती काउंटर से वह दवाइयों का रिकॉर्ड संधारण करने आदान-प्रदान के जरिए मरीज को दवाइयां उपलब्ध करा सकें।
स्टॉक में उपलब्ध
कार्वेडियोल दवा नि:शुल्क दवाइयों की सूची में शामिल नहीं है, जबकि अन्य दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त है। सप्लाई भी नियमित तौर पर हो रही है। हो सकता है कि किसी एक काउंटर पर उस समय उपलब्ध नहीं हो।
-डॉ. दीपक सेठी, प्रभारी, आरएनटी ड्रग स्टोर करेंगे व्यवस्था सुधार
काउंटर से दवाइयों के इंटरचेंज की व्यवस्था यहां पर नहीं है। वरिष्ठ नागकरिक काउंटर अलग से बनाया हुआ है। दवाइयां बुजुर्गों को नहीं मिल रही है। जानकारी कर फार्मासिस्टों को पाबंद किया जाएगा।
-डॉ. एम.पी. जैन, प्रभारी, एमएनडीवाई (एमबी हॉस्पिटल)