बोर्ड ने इसके लिए रामकृष्ण मिशन नई दिल्ली (वेल्लूर मठ की शाखा) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भारतीय जीवन दर्शन एवं मूल्यों से जुड़ी शिक्षा देने के लिए मिशन ने ‘जागृत नागरिक कार्यक्रम’ बनाया है। यह शिक्षकों और बच्चों के लिए अलग -अलग रूप से तैयार किया गया है। रामकृष्ण मिशन से जुड़े स्कूलों में तो यह पाठ्यक्रम वर्ष 2014 से पढ़ाया जा रहा है।
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– समाज में पारंपरिक मूल्य
– बच्चों में मनुष्यत्व की भावना
– आत्म श्रद्धा का विकास
– पैसे कमाने व सफल मानव बनने में अन्तर
-जीवन का सही अर्थ
ऐसे ही कई विषय इसमें शामिल किए गए हैं, जो भारतीय मूल्यों से जुड़े हैं। विभिन्न वेदों और भारतीय शास्त्रों में शामिल मूल्यों से जुड़े विषयों को इसमें समाहित किया गया है।
छठी से नौवीं तक बच्चों के लिए सीबीएसई के अतिरिक्त निदेशक डॉ बिश्वजीत साहा के अनुसार छठी से नौवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चों के लिए तीन वर्षीय कार्यक्रम तैयार किया गया है। भावी पीढ़ी में शिक्षा की अनन्त ताकत और उसका कैसे दोहन करना उसका तरीका सुझाया जाएगा। शिक्षा की अच्छाई से समाज में कैसे प्रबुद्ध नागरिक बनने की ओर कदम बढ़ाना यह मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए मिशन शिक्षक प्रशिक्षण के आयोजन करेगा। विशेष उपकरण, शिक्षण सामग्री भी मिशन ही उपलब्ध करवाएगा। इसके लिए हर स्कूल को इन कक्षाओं के प्रतिवर्ष 16 कालांश चलाने होंगे, जो न्यूनतम तीन वर्ष तक आवश्यक रूप से चलाने होंगे।
READ MORE: अब उदयपुर में यूं रुकेगी हज यात्रियों से ठगी, हर ऑपरेटर की जन्मकुंडली व कोटा आया सामने बच्चों में मूल्यों का समावेश बच्चों में मूल्यों के विकास के लिए यह तीन वर्षीय कार्यक्रम तैयार किया गया है। गुरुकुल शिक्षा पद्धति की तरह इन बच्चों में संस्कार विकसित करना मुख्य उद्देश्य है, सीबीएसई और रामकृष्ण मिशन में नई दिल्ली में यह अनुबंध हुआ है।
डॉ अनुराधा, चीफ कॉर्डिनेटर ‘जागृत नागरिक कार्यक्रम’, रामकृष्ण मिशन दिल्ली