scriptपिता दिहाड़ी मजदूर है और बेटे काेे देश के ल‍िए खेलने की ज‍िद.. गुदड़ी के इस लाल की कहानी सुनकर आप भी करेंगे हैट्स ऑफ | Central Government Adopts Judo Player Of Pipliya, Udaipur | Patrika News
उदयपुर

पिता दिहाड़ी मजदूर है और बेटे काेे देश के ल‍िए खेलने की ज‍िद.. गुदड़ी के इस लाल की कहानी सुनकर आप भी करेंगे हैट्स ऑफ

अंधड़ में कच्चे झोपड़े का छप्पर उड़ा, हौसला फिर भी कायम, खेलो इंडिया में केन्द्र सरकार ने गोद लिया इस जूडो खिलाड़ी को

उदयपुरApr 23, 2019 / 02:00 pm

madhulika singh

JUDO PLAYER MUKESH GAMETI

पिता दिहाड़ी मजदूर है और बेटे काेे देश के ल‍िए खेलने की ज‍िद.. गुदड़ी के इस लाल की कहानी सुनकर आप भी करेंगे हैट्स ऑफ

चंदनसिंह देवड़ा/ उदयपुर . अभावों में जीने वाले अक्सर अवसर नहीं मिलने का रोना रोते हैं लेकिन कई ऐसे भी मिल जाएंगे जिन्होंने अभावों को अवसर बदलते अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ऐसा ही एक होनहार है उदयपुर शहर के समीप पिपलिया गांव के दिहाड़ी मजदूरी पेमा गमेती का बेटा मुकेश, जो खेलो इंडिया खेलो योजना में चयनित होकर जूडो में दमखम दिखा रहा है।
दिसम्बर में झारखण्ड के रांची में हुई 64वीं राष्ट्रीय स्कूली जूडो प्रतियोगिता में मुकेश ने 25 किलोग्राम भार वर्ग में राजस्थान को रजत पदक दिलाया। उसका परिवार पहाडिय़ों की तलहटी में विकट परिस्थितियों में रहता है। सरकारी स्कूलों में खेल संसाधनों के अभाव के बावजूद उसने जूडो जैसे खेल में कामयाबी हासिल की। मुकेश ने अब तक हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात और त्रिपुरा के खिलाडिय़ों को हराया। मुकेश फिलहाल उदयपुर के जनजाति खेल छात्रावास में रहकर रेलवे ट्रेनिंग स्कूल में अध्ययनरत है।
मुकेश को खेलो इण्डिया खेलो योजना के तहत अन्तरराष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण के लिए केन्द्र सरकार ने गोद लिया गया है। जल्द ही वह जूडो सेंटर में होगा जहां उसके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था केन्द्र सरकार करेगी। इस योजना में चयनित होने वाला वह उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र का पहला बालक है।
READ MORE : पीएम मोदी जाते-जाते गुलाबचंद कटारिया को एक तरफ ले गए, बोला ऐसा की कटारिया ने….

पूरा गांव ही मजदूर वर्ग का
पिता पेमा गमेती एवं मां होमली गमेती उदयपुर में मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे है। एक सप्ताह पूर्व आए अंधड़ में मुकेश के घर का छप्पर टीनशेड उड़ गए जिससे यह परिवार संकट में है। शहर से 25 किलोमीटर दूर यह गांव सुविधाओं से कटा हुआ है। गांव में आज भी कई दिनों तक बिजली गुल रहती है। सडक़ें नहीं है, पेयजल सुविधा का अभाव है। गांव में उच्च प्राथमिक विद्यालय होने से आठवीं के बाद बच्चे पढ़ाई छोड़ कर मजदूरी में लग जाते हैं। एक हजार की आबादी वाला यह पूरा गांव मजदूर वर्ग का है।
कैसे निखरे ग्रामीण प्रतिभाएं

मुकेश मीणा को उदयपुर के शारीरिक शिक्षक और जूडो प्रशिक्षक सुशील सेन ओर किशन सोनी नियमित रूप से सज्जननगर स्थित नि:शुल्क जूडो सेन्टर पर प्रशिक्षण देते हैं। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण खेल प्रतिभाओं के प्रशिक्षण के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है।
JUDO PLAYER MUKESH GAMETI

Home / Udaipur / पिता दिहाड़ी मजदूर है और बेटे काेे देश के ल‍िए खेलने की ज‍िद.. गुदड़ी के इस लाल की कहानी सुनकर आप भी करेंगे हैट्स ऑफ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो