गुरुवार को सूर्योदय से पूर्व ही समाज के लोगों ने पूजन की तैयारियां कर ली थी। श्रद्धालु पूजन के लिए विविध फल, सब्जियां, गन्ने, कच्चा दूध आदि सामग्री लेकर फतहसागर झील के देवाली वाले छोर पर, रानी रोड वाले छोर, गोवर्धन सागर, दूधतलाई सहित अन्य स्थानों पर पहुंचे। वहीं, पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना की। साथ ही 36 घंटे तक निर्जल व निराहार व्रत रखने वालों ने पूजा के बाद व्रत खोलाा। इससे पूर्व बुधवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।