अनाथ बच्चों की सूचना पर जिला प्रशासन तुरंत दें सहायता
baनिराश्रित बच्चों की सूचना पर बाल आयोग सदस्य पहुंचे सराड़ा
अनाथ बच्चों की सूचना पर जिला प्रशासन तुरंत दें सहायता
0सराड़ा. (उदयपुर). क ोरोना महामारी के चलते निराश्रित एवं बेचारा बच्चों को तुरंत सहायता देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। किसी भी जिले में इस तरह की सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन एवं बाल कल्याण समिति तुरंत कार्रवाई करें।
उक्त विचार राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग राजस्थान सरकार के सदस्य डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जिले के जनजाति बाहुल्य सराडा पंचायत समिति के नठारा ग्राम पंचायत काउआ गांव में निराश्रित एवं बेसहारा बच्चों से मिलने के बाद कही। सराडा पंचायत समिति के नठारा पहुंचकर करीब 2 किमी पैदल चलकर पहाड़ी पर स्थित झोपड़े में अकेले रहकर अपना जीवन यापन कर रहे निराश्रित बच्चों से मिलने पहुंचे। इनके परिवार के मुखिया बंसी लाल मीणा का 6 वर्ष पूर्व निधन हो चुका था एवं बच्चों की मां पति के निधन के 1 वर्ष बाद बच्चों को छोड़कर नाते चली गई। रिश्तेदारों ने भी बच्चों की सुध नहीं ली। तब से 4 बच्चे लाली मीणा (13), रमेश मीणा (12), सुरेश मीणा (10), राधा मीणा (8) (सभी नाम परिवर्तित) अकेले रहकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं। गांव के युवा द्वारा आयोग सदस्य से संपर्क कर बच्चों की दयनीय स्थिति से अवगत करवाया तो आयोग सदस्य डॉ. पंड्या तुरंत मौके पर पहुंचे। उनके साथ रहे बाल कल्याण परिषद उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार एवं सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग मीना शर्मा थे। उन्होंने बच्चों को उदयपुर स्थित आश्रय गृह में भिजवाने की कार्रवाई की। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों से अपील की कोई भी बच्चा असहाय मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन या पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दें। बाल आयोग सदस्य के गांव आने पर पंचायत के अधिकारी सहित सराडा पुलिस थाना प्रभारी अनिल कुमार विश्नोई, बीट प्रभारी मंगल सिंह, फू ल शंकर मीणा, सरपंच तोला देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे।
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