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उदयपुर

इनकी उपलब्धियों के सामने खुद को बौना महसूस करेंगे … जब आप जानेंगे इनकी लाइफ स्‍टोरी..

उदयपुर में दृष्टिबाधित सशक्‍तिकरण सम्मेलन, 16 राज्यों के 300 प्रतिनिधि पहुंचे उदयपुर

उदयपुरDec 30, 2017 / 04:54 pm

bhuvanesh pandya

blind's conference
भुवनेश पंड्या/उदयपुर. इनकी जीवटता हर किसी को प्रेरणा देती। ये ऐसे चलते-फिरते प्रेरक हैं, जिन्हें किसी को कुछ सिखाने के लिए किसी भाषा या किसी माध्यम की जरूरत नहीं है। इन्हें देख या इनकी उपलब्धियों को जानकर हर कोई खुद को बौना महसूस करता है। सामान्य कद काठी और साधारण से दिखने वाले ये ऐसे बेहतरीन व्यक्तित्व हैं, जो हर किसी को अपनी ओर बरबस खींच लें। बात ऐसे दृष्टिबाधितों की है, जो मन की आंखों से चारों ओर उजाला फैला रहे हैं। उदयपुर में शुक्रवार से शुरू हुए दृष्टिबाधित सशक्‍तिकरण सम्मेलन में 16 राज्यों के दृष्टिबाधित शामिल हुए। गत वर्ष यह मेला अजमेर में लगा था, तो इस बार ये उदयपुर तक पहुंचे हैं। इन्हें दूर से देखकर या इनकी सादगी से इनकी खासियतों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन जैसे ही आप उनसे बात करेंगे, आप स्वत: उनके मुरीद हो जाएंगे। पत्रिका से विशेष बातचीत में यूं सामने आई इनकी शख्सियत।
पत्रिका पढ़ नहीं पाते थे, तो यूं निकाली राह…
आयोजन समिति के संदीप माथुर ने बताया कि राजस्थान पत्रिका के समाचार पढ़ नहीं सकते थे, तो उसे पढऩे के लिए 20 मई 2016 को एक वाट्सएप ग्रुप बनाया। अखबार पढऩे के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आदत छोडऩे के लिए की गई तैयारी बड़ा काम कर गई। ग्रुप बढ़ता चला गया और आज वह एक विशाल कुनबा बन चुका है। इसके बाद हमने एक आयोजन की ओर कदम बढ़ाया। पेशे से स्कूली व्याख्याता माथुर ने बताया कि दृष्टिबाधित साथी प्रतीक अग्रवाल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, उन्होंने एक एप व हमारी वेबसाइट तैयार की है।
sandeep mathur
तो बन गया आरएएस अधिकारी
अर्पण चौधरी का वर्ष 2012 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ था। तमाम मुश्किलों के बीच अपनी मेहनत के बूते आखिर वे यहां तक पहुंच ही गए। अजमेर के जिला रोजगार अधिकारी पद पर कार्यरत चौधरी का कहना है कि हर स्तर पर चुनौतियां स्वीकार कर आगे बढऩा अच्छा लगता है। इस वाट्सएप ग्रुप में निस्वार्थ ग्रुप से सेवा कर ऑडियो फोरमेट के जरिए सुबह आठ बजे से पहले अखबार पढ़ते हैं। राजस्थान पत्रिका पर पूरा फोकस रहता है। पहले जब सेवा में वह आए तो कुछ समस्याएं थी, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक होने लगा।
arpan chaudhary
अचानक आंख गई तो अन्दर तक हिल गई…
सतना से आई तनीषा ने बताया कि 20 साल की उम्र में बी-कॉम करने के बाद अचानक उसकी आंख चली गई तो उसकी दुनिया रुक गई, लेकिन माता-पिता के सम्बल के कारण वह बैंक में क्लर्क की नौकरी पाने में सफल रही। आंखों की रोशनी जाने पर डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि अब मैं कभी नहीं देख सकूंगी लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। पापा मुझे अपने साथ ही रखना चाहते थे, लेकिन मैं आगे बढऩा चाहती थी, उन्हें डर था जमाने का, लेकिन अखबार में किसी दृष्टिबाधित व्यक्ति का साक्षात्कार प्रकाशित हुआ, इसे पढकऱ दिल्ली जाना तय किया।
tanisha
बनना है आईएएस…
भीण्डर निवासी अली असगर बोहरा ने आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। उनका कहना है कि मुख्य परीक्षा का परिणाम आना शेष है, लेकिन यदि वे पास नहीं भी होते तो आईएएस बनने के लिए कुछ भी कर गुजरेंगे। बोहरा ने बारहवीं में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था। अली ने कहा कि तकनीकी जानकारी हम लेते रहे, और हमें इसका लाभ मिल रहा है। इससे पहले अली राजस्थान प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में नौ अंकों से चयनित होने से चूके लेकिन जीत का जज्बा बरकरार है।
asgar ali
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