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उदयपुर

गांधीजी के नाम समितियों में छिड़ी जमीनी जंग, गांधी स्मृति मंदिर समिति की जमीन मामले में नया खुलासा

जमीन के दूसरे हिस्से पर अन्य संस्था का दावा, दूसरी समिति गांधी निधि समिति का है मामला

उदयपुरOct 13, 2016 / 07:09 pm

madhulika singh

gandhi smriti samiti

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महात्मा गांधी के जीवन दर्शन, आदर्श और उनके मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए रियायती दर पर टाउन हॉल पर दी गई जमीन के बेचान के मामले में नया खुलासा हुआ है कि इस जमीन के दूसरे हिस्से पर गांधीजी के नाम पर गठित एक अन्य संस्था का दावा कर रही है।
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यूआईटी से नोटिस मिलने के बाद गांधी स्मृति मंदिर समिति ने बताया कि उसे उद्यान वाले हिस्से में एक और भूखंड मिला था, जिसे अन्य संस्था गांधी निधि समिति हड़पना चाहती है। गांधी स्मृति मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अन्य समिति के जयपुर निवासी कर्ता-धर्ता शुरू से स्मृति मंदिर समिति की जमीन पर भी टेढ़ी नजर रखे हुए हैं।
समिति के पास नहीं धन

समिति के पदाधिकारियों ने पत्रिका को बुधवार को बताया कि तत्कालीन अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने साफ मंशा रखते हुए गांधीजी के विचारों को प्रसारित करने का काम किया था लेकिन वे उस समय इस जमीन का एक हिस्सा लीज पर दे गए और उसके बदले मिली राशि से समिति ने हॉल आदि का तत्समय ही निर्माण करवा दिया था। समिति शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर रही है।
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अदालत में केस

पदाधिकारियों ने बताया कि उसके और गांधी निधि समिति के बीच स्थानीय अदालत में वाद चल रहा है, जिसमें स्मृति मंदिर समिति को मिली जमीन से सटे अन्य भूखंड को गलत तरीके से गांधी निधि समिति लेने का दावा कर रही है।
दो भूखंडों का मामला

समिति के वर्तमान अध्यक्ष सुशीलकुमार, सचिव नंदकिशोर के अनुसार यूआईटी ने 34-बी नंबर भूखंड का उसे नोटिस दिया, उससे सटा 34-ए भूखंड भी समिति को मिला था, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी मास्टर बलवंतसिंह मेहता के समय जसपालसिंह मक्कड़ ने गांधी निधि समिति नामक अन्य समिति बनाकर इस 34-ए वाले भूखंड को लेने का अदालत में दावा कर रखा है जो आज भी विचाराधीन है।
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