उदयपुर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का होगा जमवाड़ा, आएंगे आडवाणी व गडकरी यूआईटी से नोटिस मिलने के बाद गांधी स्मृति मंदिर समिति ने बताया कि उसे उद्यान वाले हिस्से में एक और भूखंड मिला था, जिसे अन्य संस्था गांधी निधि समिति हड़पना चाहती है। गांधी स्मृति मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अन्य समिति के जयपुर निवासी कर्ता-धर्ता शुरू से स्मृति मंदिर समिति की जमीन पर भी टेढ़ी नजर रखे हुए हैं।
समिति के पास नहीं धन समिति के पदाधिकारियों ने पत्रिका को बुधवार को बताया कि तत्कालीन अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने साफ मंशा रखते हुए गांधीजी के विचारों को प्रसारित करने का काम किया था लेकिन वे उस समय इस जमीन का एक हिस्सा लीज पर दे गए और उसके बदले मिली राशि से समिति ने हॉल आदि का तत्समय ही निर्माण करवा दिया था। समिति शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर रही है।
उदयपुर में अगले दो दिन कला एवं साहित्य के नाम, उदयपुर फिल्म फेस्टिवल व इंटरनेशनल राइटर्स फेस्टिवल 14 से अदालत में केस पदाधिकारियों ने बताया कि उसके और गांधी निधि समिति के बीच स्थानीय अदालत में वाद चल रहा है, जिसमें स्मृति मंदिर समिति को मिली जमीन से सटे अन्य भूखंड को गलत तरीके से गांधी निधि समिति लेने का दावा कर रही है।
दो भूखंडों का मामला समिति के वर्तमान अध्यक्ष सुशीलकुमार, सचिव नंदकिशोर के अनुसार यूआईटी ने 34-बी नंबर भूखंड का उसे नोटिस दिया, उससे सटा 34-ए भूखंड भी समिति को मिला था, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी मास्टर बलवंतसिंह मेहता के समय जसपालसिंह मक्कड़ ने गांधी निधि समिति नामक अन्य समिति बनाकर इस 34-ए वाले भूखंड को लेने का अदालत में दावा कर रखा है जो आज भी विचाराधीन है।