——- टेस्ट की पकड़ से दूर – इस दूसरी लहर में चिंताजनक बात यह है कि आरटीपीसीआर टेस्ट में भी रोगी के पूरे लक्षण होने के बाद कोरोना वायरस पकड़ में नहीं आ रहा है। रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जब उनका सीटी स्कैन हो रहा है तो फेंफड़ों में इंफेक्शन सामने आ रहा है, यानी कोरोना से कही ना कही वो संक्रमित जरूर है।
– पिछले 15 दिन में करीब 60 लोगों ने सीटी स्कैन करवाया है। इसमें से करीब 50 लोगों में फेंफड़ों का संक्रमण सामने आया है। इसमें से अधिकांश ऐसे है जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव है।
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उदयपुर में कई लोगों में सामान्य जुकाम, खांसी, गले में खराश, हाथ-पैर और बदन में दर्द के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन जब वे आरटीपीसीआर टेस्ट करा रहे हैं तो उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। यदि कोरोना संक्रमण की टर्म की बात की जाए तो कोई भी एसिम्प्टोमैटिक 20 लोगों के संपर्क में आ रहा है, तो तय है कि वह 10 को संक्रमित करेगा। इनसे संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है।
—– ऐसे मिले हैं संक्रमित मरीज – 15 दिन में 1264 संक्रमित मिले: 21 मार्च – 46 22 मार्च – 47 23 मार्च – 48 24 मार्च -51 25 मार्च- 67
26 मार्च -79 27 मार्च – 77 28 मार्च -89 29 मार्च -71 30 मार्च – 53 31 मार्च – 112 1 अप्रेल – 123 2 अप्रेल – 136
3 अप्रेल – 128 4 अप्रेल -137 —– स्ट्रेन में यदि सामान्य बदलाव है तो वह टेस्ट पकड़ लेता है, लेकिन यदि कोई मेजर बदलाव होता है तो टेस्ट में वह ट्रेस नहीं होता। हालांकि उदयपुर में इस तरह के मामले सामने नहीं आए हैं। कई बार मरीज संक्रमित होने के पांच या सात दिन बाद जांच करवाता है, तब तक ये आरटी पीसीआर टेस्ट में पकड़ में नहीं आते क्योंकि नाक व गले से वायरस का मल्टीफिकेशन कम हो जाता है। वह वहां से आगे बढ़ जाता है।
डॉ अंशू शर्मा, प्रभारी माइक्राबोयालॉजी लैब —— इन दिनों औसतन करीब चार फेंफड़ों की जांच प्रतिदिन हो रही है, इसमें से तीन संक्रमित मिल रहे हैं, कई मरीज ऐसे भी होते हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव होती है।
डॉ कुशल गहलोत, विभागाध्यक्ष रेडियोलॉजी विभाग आरएनटी