ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी पहले फेज में जिले में पांच ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सीएचसी का चयन किया गया है, जबकि सभी सीएचसी-पीएचसी पर मरीजों की संख्या के अनुमान के आधार पर 526 कंसन्टे्रटर भेजे गए हैं। इतना ही नहीं अब बिजली की समस्या को देखते हुए इन सीएचसी पर डीजी सेट भी लगाए जा रहे हैं। इसमें इन सीएचसी का चयन किया गया है। इन सीएचसी पर इसके साथ ही अलग से व्यवस्था भी रहेगी, इसमें दो कमरे, ओजीपी रूम, मेनिफोल्ड कक्ष, प्लांट, डीजी सेट, लॉड एक्सटेंशन वर्क को देखते हुए ट्रांसफार्मर भी लगाया जाएगा। यह पूरा कार्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किया जाएगा। एनएचएम के सहायक अभियन्ता जीके दशोरा ने बताया कि इसमें प्रत्येक सीएचसी के लिए 1 करोड़ 22 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। भींडर सीएचसी का कार्य स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से होने की जानकारी आ रही है। यह पूरा कार्य करीब दो माह पूर्ण हो जाएगा।
– वल्लभनगर – कानोड़
– झाड़ोल – भींडर – ऋषभदेव-
– गोगुन्दा – एसडीएच सलूम्बर- सभी प्लांट से प्रतिदिन 35-35 सिलेंडर ऑक्सीजन तैयार सभी प्लांट से प्रतिदिन 35-35 सिलेंडर ऑक्सीजन तैयार होगी । ऐसे में इन सभी सात सीएचसी व एक एसडीएच पर मिलाकर 280 सिलेंडर रोजाना तैयार करेंगे।
भींडर- 49-60-50-100 गिर्वा- 44-60-40-100
गोगुन्दा- 49-40-40-60 झाड़ोल- 46-40-30-60
खेरवाड़ा- 44-40-30-60 .कोटड़ा- 32-40-20-60
लसाडिय़ा- 29- 30- 20- 60
ऋषभदेव- 39-40-30-60 सराड़ा- 46-60-30-100
सलूम्बर-47-60-50-100 कुल- 526-560-400-920 ——— 526 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भेेजे
यदि तीसरी वेव आती है तो इसकी हमने पूरी तैयारी कर ली है, गांवों में 526 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सीएचसी व पीएचसी पर भेज दिए है। शहर व गांवों में मिलाकर अब तक कुल 33 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। सभी सरकारी गांवों में सीएचसी पर डीजी सेट भी लगा रहे हैं ताकि बिजली की समस्या नहीं हो।