आदिवासी बाहुल क्षेत्र में रोडवेज बस सेवा दम तोड़ती नजर आ रही है, वहीं निजी बस और जीप संचालक भारी भरकम किराया वसूल रहे हैं। रोडवेज बसों की कमी के कारण निजी बस और जीप संचालक मनमर्जी से किराया वसूल रहे हैं। किराया भी शाम होते-होते दुगुना हो जाता है। यात्री घर पहुंचने की मजबूरी में अधिक किराया भी देने को मजबूर है। उप नगरीय सेवा भी ४०-४५ किलोमीटर की जगह ६०-७० किलो मीटर बिना परमिट से चल रही है। जिसमें भी अधिक वसूली हो रही है।
भाडेर में आज तक नहीं पहुंची रोडवेज
हरि क्षेत्र की कोचला, सुलतान जी का खेरवाड़ा, लुणावतों का खेड़ा, कन्थारिया, खरडिया ग्राम पंचायत में एक भी रोडवेज बस संचालित नही है। पूरे मार्ग पर निजी बस और जीप संचालकों का कब्जा है, जो मनमर्जी से चला रहे हैं।
वाकल की एक मात्र बस भी बन्द
– उदयपुर से कोटडा वाया झाडोल उदयपुर से ६.३० बजे रवाना होने वाली बस १ सप्ताह से बंद। – उदयपुर से डैया वाया झाडोल चलने वाली बस बन्द।
– उदयपुर से पानरवा वाया झाडोल चलने वाली रात्रि बस बन्द।
– उदयपुर से ओगणा वाया गोगुन्दा बस भी बन्द। – उदयपुर से पानरवा वाया झाडोल पानरवा रिटर्न बस भी बन्द।
उदयपुर डिपो में 38 बसों की कमी है। सरकार बसें दे तो संचालन करें। हमारे पास बसे नहीं है।
रोडवेज प्रबंधक को बस संचालन के लिए कई बार कहा। झाडोल कोटडा मार्ग पर चलने वाली बसों के संचालन के लिए आग्रह किया, लेकिन शुरू नहीं की। पूर्व में संचालित बस भी बंद कर दी। ग्रामीणों ने समस्या बताई। सरकार से मांग करेंगे।
बाबूलाल खराड़ी, विधायक, झाड़ोल