ये है सबसे बड़ा बहाना – जिला प्रशासन के सामने चिकित्सा विभाग का सबसे बड़ा बहाना ये है कि इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आने पर इनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग संभव नहीं है, जबकि यदि कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं होगी तो ऐसे ही मरीजों की संख्या तो बढ़ेगी ही। साथ ही मौतों का ग्राफ भी ऊपर जाएगा। विभाग चाहे तो जिस क्षेत्र में ज्यादा मरीज हंै, वहां ट्रेसिंग शुरू कर चेन को ब्रेक कर सकता है, लेकिन इसके पीछे पूरी ताकत लगानी होगी। यदि ये काम नहीं किया जाता है तो अन्य सभी माध्यमों से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को नहीं रोका जा सकता।
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जिले में 15 अप्रेल तक 12 थानों में 39 कंटेनमेंट जोन एरिया बनाया गया है। इसमें झल्लारा, सविना, हिरणमगरी, सूरजपोल, अम्बामाता, प्रतापनगर, सुखेर, झाड़ोल, सलूम्बर, भूपालपुरा, फतहनगर व मावली थाना क्षेत्र शामिल हैं। इसमें 39 क्षेत्र है।
ऐसे बढ़ रहे मरीज – जिले में 15 दिन में 6404 संक्रमित सामने आए हैं, इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। औसत देखा जाए तो प्रतिदिन 427 संक्रमित मिल रहे हैं। बिना कांटेक्ट ट्रेसिंग के ये चेन तोडऩा कैसे संभव है।
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1 अप्रेल- 123 2 अप्रेल- 136
3 अप्रेल- 128 4 अप्रेल- 137
5 अप्रेल- 198 6 अप्रेल- 367
7 अप्रेल- 410 8 अप्रेल- 497
9 अप्रेल- 360 10 अप्रेल- 527
11 अप्रेल-864 12 अप्रेल- 709
13 अप्रेल- 729
15 अप्रेल- 711