—– ये हैं हाल ये सीएचसी पूरे जिले में सबसे नीचे के पायदान पर हैं… इसमें से ढेलाणा व खेमली की स्थिति बेहद चिंताजनक है। सीएचसी नाम, प्रति माह औसत प्रसव, चिकित्सक संख्या
गिंगला (सलूम्बर ब्लॉक), 34, 4 डबोक (मावली) 31, 4 बेकरिया (कोटड़ा) 28, 3 कुराबड़ (गिर्वा) 27, 5 मेनार (भींडर) 19, 3 खेमली (मावली) 07, 4 ढेलाणा (ऋषभदेव) 01, 2
—- ये है टॉप पांच सीएचसी नाम, प्रति माह औसत प्रसव, चिकित्सक संख्या सलूम्बर 229, 12 भींडर 146, 05 गोगुन्दा 109 06 खेरवाड़ा 97 07 झाडोल 95
– ये ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहां प्रशिक्षित स्टाफ प्रसव करवाता है। ——- – ऐसे निकालते हैं प्रसव का औसत: गत वर्ष हुए प्रसव को आधार मानकर विभाग प्रसव का औसत निकालता है, ताकि उसे तय कर उससे अधिक प्रसव करने के लिए कहा जाता है।
– संस्थागत प्रसव क्यों : इसलिए क्योंकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए संस्थागत प्रसव को सरकार बढ़ावा दे रही है। – संस्थागत प्रसव में ये लाभ: जननी शिशु सुरक्षा योजना व राजश्री योजना का लाभ मिलता है। नकद शहरी में एक हजार रुपए हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 1400 रुपए हैं। इसी प्रकार राजश्री योजना में बेटी को अलग-अलग किश्तों में अलग-अलग उम्र पर राशि दी जाती है।
28 सीएचसी में संस्थागत प्रसव का एएनसी ( प्रसव पूर्व जांच) को लेकर जो-जो पंजीकरण हुए हैं, संबंधित चिकित्सा संस्थान में उन्हें इतने प्रसव करवाने होते है। इसकी जानकारी जो एएनसी पीसीटीएस सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन दर्ज रहती हैं। पूर्व प्रसव जांच का पंजीकरण स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी किया जाता है। –
–जिले में कुल सीएचसी 28पीएससी 99उपस्वास्थ्य केन्द्र करीब 650- —हम प्रयास कर रहे हैं कि लगातार बेहतर कर सके, लेकिन कुछ कमजोर केन्द्र हैं जहां प्रसव कम हो रहे हैं, इसे लेकर सभी को निर्देशित भी किया गया है, जल्द ही परिणाम अच्छे लाएंगे।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर —– यहां सभी चिकित्सकों की संख्या इसलिए लिखी जा रही है, ताकि स्पष्ट रहे कि सभी वर्ग के चिकित्सक मौजूद है, ऐसे में प्रसव करवाने में कोई परेशानी ना होने के बाद भी माकूल प्रसव नहीं हो रहे। )