इस बीच उन्होंने घोषणा की कि हड़ताल गुरुवार को भी सुबह 9 से 11 जारी रहेगी। इधर, हड़ताल के बीच मरीजों को उपचार का रास्ता नहीं मिला। असुविधा में मरीजों का समय कुछ समय के लिए ठहर गया। इधर, स्पेशलिस्ट प्रोफ़ेसर की ओर से आज समय पर पहुँचकर डयूटी आवर्स में मरीजों की सुध लेकर कुछ राहत पहुंचाने के प्रयास किए। लेकिन ये व्यवस्था ऊँट के मुँह में जीरा साबित हुई। मरीज मजबूरी में डॉक्टर की आस लगाय बैठे रहे। इधर, ग्रामीण मरीजों का मुख्यालय पर आना जारी रहा। हॉस्पिटल में लापरवाही से मौत के कोई मामला सामने नहीं आया। लेकिन पोस्टमार्टम के लिए मरीजों का कपासन ओर अन्य जगहों से उदयपुर आना जारी रहा। कुल 3 पोस्टमार्टम हुए हैं। इनमें उदयपुर का एक भी नहीं था।
READ MORE: श्ावों की हुई दुर्गति, अटके अंतिम संस्कार, चिकित्सकों की हड़़ताल से प्रभावित रहे पोस्टमार्टम हिरणमगरी सेटेलाइट में बेहाली हिरणमगरी सेटेलाइट हॉस्पिटल में मंगलवार को मरीजों की स्थिति खराब दिखाई दी। उन्हें समय पर पहुंचने के बावजूद चिकित्सकों की सुविधा घंटों बाद उपलब्ध हो सकी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपस्थिति में रोगी दर्द से कराहते दिखे। गरीब तबके के लोगों को मजबूरी में निजी हॉस्पिटल का रूख भी करना पड़ा।
गफलत में प्रशासन
जिला प्रशासन ने निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध कराने की मांग की गई है, लेकिन अधिकतर निजी चिकित्सक, सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में सेवाएं देने से बचते दिखाई दिए। दूसरी ओर, चिकित्सा प्रशासन ऐसे निजी महाविद्यालयों से सहयोग की अपील कर रहा है, जिनके पास कॉलेज संचालन की एमसीआई से मान्यता ही नहीं हैं। एक कॉलेज को छोडकऱ कोई भी मेडिकल कॉलेज कसौटी के मानदण्डों पर खरा नहीं उतरता।