अब तक संगठन के साथ चल रहे आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य, बडग़ांव बीसीएमओ डॉ. दिनेश खराड़ी एवं मावली बीसीएमओ डॉ. बीएल भट्ट सहित कुल 8 बीसीएमओ ने विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपस्थिति दर्ज करवाई। इससे खफा अन्य चिकित्सक सोशल ग्रुप में अपनों के खिलाफ अभद्रता टिप्पणी से भी नहीं चूके। गौरतलब है कि गत दिनों पदाधिकारियों के तबादलों के बाद से सेवारत चिकित्सक राजकीय चिकित्सा संस्थानों के बाहर कुर्सी-टेबल लगाकर मरीजों को काली पट्टी बांधकर सेवाएं दे रहे हैं।
विभाग ने बदली रणनीति
संगठन में दरार डालने के लिए विभाग नए दांव-पेच खेल रहा है। इसके तहत एनआरएचएम के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने मंगलवार को कुशल मंगल योजना को लेकर करौली, बूंदी, उदयपुर और दौसा (केवल 4 जिले) की बैठक ली। इसमें आरसीएचओ एवं सभी बीसीएमओ की उपस्थिति अनिवार्य थी। बातचीत के बाद आरसीएचओ एक साथ पहुंचे। पीछे से सभी बीसीएमओ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी सुनिश्चित की। हालांकि, संगठन के साथ रहने वाले सराड़ा, कोटड़ा, गोगुंदा के अलावा एक अन्य बीसीएमओ कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए। मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज पूरी तरह से नदारद रहे। गौरतलब है कि जिले में कुल 12 बीसीएमओ हैं, जिनमें से 4 बीसीएमओ ने वीसी में हिस्सेदारी नहीं दिखाई।
संगठन में दरार डालने के लिए विभाग नए दांव-पेच खेल रहा है। इसके तहत एनआरएचएम के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने मंगलवार को कुशल मंगल योजना को लेकर करौली, बूंदी, उदयपुर और दौसा (केवल 4 जिले) की बैठक ली। इसमें आरसीएचओ एवं सभी बीसीएमओ की उपस्थिति अनिवार्य थी। बातचीत के बाद आरसीएचओ एक साथ पहुंचे। पीछे से सभी बीसीएमओ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी सुनिश्चित की। हालांकि, संगठन के साथ रहने वाले सराड़ा, कोटड़ा, गोगुंदा के अलावा एक अन्य बीसीएमओ कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए। मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज पूरी तरह से नदारद रहे। गौरतलब है कि जिले में कुल 12 बीसीएमओ हैं, जिनमें से 4 बीसीएमओ ने वीसी में हिस्सेदारी नहीं दिखाई।
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संगठन के ग्रुप में अभद्रता
इधर, अरिस्दा उदयपुर के कोषाध्यक्ष एवं बीसीएमओ मावली बीएल भट्ट तथा संगठन के प्रदेश प्रतिनिधि व बडग़ांव बीसीएमओ डॉ. दिनेश खराड़ी की वीसी में उपस्थिति को लेकर सोशल ग्रुप पर अन्य चिकित्सकों ने खरी-खोटी सुनाई जिसमें गरिमा का ख्याल तक नहीं रखा गया। कुछ चिकित्सकों ने ऐसे लोगों को संगठन से बाहर करने की बातें की। इधर, सरकार मामले में गंभीरता बरतते हुए फिर से कार्रवाई का मानस बना रही है। अब तक ऐसी वीसी प्रदेश स्तर पर होती थी, जिसे जिलेवार बना दिया गया है।
संगठन के ग्रुप में अभद्रता
इधर, अरिस्दा उदयपुर के कोषाध्यक्ष एवं बीसीएमओ मावली बीएल भट्ट तथा संगठन के प्रदेश प्रतिनिधि व बडग़ांव बीसीएमओ डॉ. दिनेश खराड़ी की वीसी में उपस्थिति को लेकर सोशल ग्रुप पर अन्य चिकित्सकों ने खरी-खोटी सुनाई जिसमें गरिमा का ख्याल तक नहीं रखा गया। कुछ चिकित्सकों ने ऐसे लोगों को संगठन से बाहर करने की बातें की। इधर, सरकार मामले में गंभीरता बरतते हुए फिर से कार्रवाई का मानस बना रही है। अब तक ऐसी वीसी प्रदेश स्तर पर होती थी, जिसे जिलेवार बना दिया गया है।
डीएचएस बहिष्कार, 17 सीसी नोटिस इधर, कलक्ट्रेट परिसर में उपस्थिति होने के बावजूद जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) में शामिल नहीं होने वाले बीसीएमओ एवं सीएचसी प्रभारियों को बुधवार तक जिला प्रशासन की ओर से 17 सीसी का नोटिस जारी होने का अनुमान है। सरकार ने जिला कलक्टर्स को इस मामले में विशेष आदेश दिए हैं। इसकी पालना में 29 नवम्बर को डीएचएस में शामिल नहीं हुए चिकित्सिकों के नाम सीएमएचओ कार्यालय से मांगे गए हैं। सूची के अनुसार सीएमएचओ डॉ. संजीव टाक, हिरणमगरी सेटेलाइट हॉस्पिटल पीएमओ डॉ. जयवंत श्रीमाली, चांदपोल सेटेलाइट पीएमओ डॉ. संपत कोठारी, सलूम्बर जिला अस्पताल पीएमओ डॉ. जयलाल, एसीएमएचओ डॉ. रागिनी अग्रवाल, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राघवेंद्र राय, ऋषभदेव बीसीएमओ डॉ. नागेंद्रसिंह राजावत, डॉ. सत्यनारायण ही बैठक में शामिल हुए थे। आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य अधिकृत तौर पर छुट्टी लेकर गए थे। इसके अलावा करीब 30 चिकित्सक ड्यूटी से अनुपस्थित थे।
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जारी रहा विरोध
इधर, काली पट्टी बांधकर चिकित्सालय के बाहर सर्द मौसम में चिकित्सकों की ओर से मरीजों को परामर्श देने का क्रम जारी रहा। सर्दी के कारण चिकित्सक एवं मरीज भी खुले में रहने से परेशान दिखाई दिए।
जारी रहा विरोध
इधर, काली पट्टी बांधकर चिकित्सालय के बाहर सर्द मौसम में चिकित्सकों की ओर से मरीजों को परामर्श देने का क्रम जारी रहा। सर्दी के कारण चिकित्सक एवं मरीज भी खुले में रहने से परेशान दिखाई दिए।
जिला प्रशासन ने डीएचएस में अनुपस्थित चिकित्सकों की सूची मांगी है। मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।
डॉ. संजीव टाक, सीएमएचओ, उदयपुर
डॉ. संजीव टाक, सीएमएचओ, उदयपुर