मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव टांक ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बनाए गए कानूनों एवं उनके प्रभावी क्रियान्वयन की जानकारी दी। बेटी के जन्म पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की जानकारी दी। महिला प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. शिप्रा लवानिया ने पुत्र की अनिवार्यता जैसी पुरानी रुढिय़ों को खत्म करने की बात कही। शूरवीरसिंह राणा ने कानूनों की जानकारी दी। प्रोग्राम ऑफि सर देवेन्द्रलाल ने भी विचार व्यक्त किए। मधु अग्रवाल, डॉ. अनिता कावडिय़ा, डॉ. मनीषा चौबीसा मौजूद थे।
इधर, राजस्थान विद्यापीठ के उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क में हुए कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. एसके मिश्रा ने कहा कि जब तक आमजन में कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए जागरूकता नहीं आएगी, तब तक इसे रोक पाना असंभव है। चिकित्सा विभाग की प्रभारी डॉ. आकांशा शर्मा व डॉ. सपना चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. सुनील चौधरी, पंकज श्रीमाली, डॉ. अवनिश नागर, डॉ. लालाराम जाट, डॉ. नवलसिंह, डॉ. अनुकृति राव, डॉ. सीता गुर्जर, कृष्णकांत नाहर आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संकल्प दिलाया गया।
गुरुनानक गल्र्स कॉलेज में बेटियां अनमोल है… कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि अमरपाल सिंह पाहवा थे। भूपेश रावल ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में बताया। वैभव सिरोया, भूपेश रावल व डिम्पल सोलंकी ने विचार रखे। प्रधानाचार्य डॉ. एनएस राठौड़ और कर्मचारी मौजूद थे।
इधर, राजस्थान विद्यापीठ के उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क में हुए कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. एसके मिश्रा ने कहा कि जब तक आमजन में कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए जागरूकता नहीं आएगी, तब तक इसे रोक पाना असंभव है। चिकित्सा विभाग की प्रभारी डॉ. आकांशा शर्मा व डॉ. सपना चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. सुनील चौधरी, पंकज श्रीमाली, डॉ. अवनिश नागर, डॉ. लालाराम जाट, डॉ. नवलसिंह, डॉ. अनुकृति राव, डॉ. सीता गुर्जर, कृष्णकांत नाहर आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संकल्प दिलाया गया।