दूसरी ओर ग्रामीणों एवं एसडीएमसी सदस्यों की ओर से व्यवस्था बदलाव को लेकर कई बार विरोध दर्ज कराया जा चुका है। आरोप है कि भूगोल जैसे प्रायोगिक विषय को लेकर विद्यालय स्तर पर अनदेखी की जा रही है। लोगों ने यहां तक कह दिया है कि विद्यालय को बंद कर पूरे स्टाफ को ही सरकार प्रतिनियुक्ति पर लगा सकती है। आरोप यह भी है कि रसूखदारों के नजदीकियों को प्रतिनियुक्ति की सौगात दी जाती है।
लोगों का आरोप है कि एक ओर शिक्षकों को बाबू बनाने में जुटी सरकार के विद्यालयों की स्थिति इतनी गंभीर है कि बच्चों को गणित, विज्ञान और मातृभाषा पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। लोगों ने चेतावनी के साथ स्पष्ट किया कि आगामी सात दिन में प्रशासनिक स्तर पर बाबू की प्रतिनियुक्ति निरस्त नहीं की जाती है तो स्कूल में तालाबंदी जैसे कदम उठाए जांएगे। साथ ही प्रदर्शन भी किया जाएगा।
विद्यालय में द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के तीन पद पहले ही खाली है। ऊपर से प्रतिनियुक्ति के बाद से कामकाज का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। अध्यापकों को बाबू का काम करना पड़ रहा है। इससे शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं। अंबालाल मेनारिया, संस्था प्रधान, राउमावि, खरसाण
जिले में 1995 गांव आपदा ग्रस्त घोषित किए गए हैं। यह कार्य भी जरूरी है। इसलिए मंत्रालयिक कार्मिक को डेपुटेशन पर लगाया हुआ है।
ओ.पी. बुनकर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उदयपुर फिर से लगा देंगे
संस्था प्रधान की ओर से फिलहाल कोई पत्र नहीं मिला है। अगर, ऐसा हुआ तो प्रतिनियुक्ति निरस्त कर मतदान के बाद बाबू को पुन: स्थानीय विद्यालय में लगा दिया जाएगा।
शिवजी गौड, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, उदयपुर
बाबू की प्रतिनियुक्ति निरस्त कराने के लिए पहले ही ग्राम पंचायत स्तर पर लिखा जा चुका है। udaipur education department इसके बावजूद व्यवस्था सुधार नहीं हुआ है।
भगवतीलाल मेनारिया, सरपंच, ग्राम पंचायत खरसाण