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उदयपुर

विद्यार्थियों के भविष्य में बाबूगिरी का ‘अंधेरा

udaipur education department प्रतिनियुक्ति पर विद्यालय का सरकारी बाबू, शैक्षणिक कार्य छोड़ अध्यापक बने मंत्रालयिक कर्मचारी

उदयपुरNov 16, 2019 / 02:43 am

Sushil Kumar Singh

विद्यार्थियों के भविष्य में बाबूगिरी का 'अंधेरा

विद्यार्थियों के भविष्य में बाबूगिरी का ‘अंधेरा

उदयपुर/ खरसाण. udaipur education department नामांकन अभियान के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में बेहतर भविष्य का सपना दिखाने वाली सरकारी महकमों की गलत नीति का ‘अंधेराÓ स्थानीय विद्यार्थियों के भविष्य पर भारी पड़ता दिख रहा है। शिक्षा विभाग के एक गलत निर्णय का खमियाजा स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के शैक्षणिक कार्य में बाधा बन रहा है। हाल ही शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी विद्यालय के मंत्रालयिक स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर अलग से सेवाएं देने के लिए भेज दिया। अब मंत्रालयिक कामकाज की अनिवार्यता के बीच विद्यालय प्रशासन ने कामकाज की जिम्मेदारी अध्यापकों को सौंप दी। ऐसे में विषय विशेष के अध्यापकों की दिनचर्या पूरी तरह बदल गई है। अध्यापन कार्य छोड़कर शिक्षक यहां विद्यालय में बाबूगिरी कर रहे हैं। दिखती हुई समस्या के बावजूद शिक्षा विभाग व्यवस्था सुधार को राजी नहीं है। इतना ही नहीं प्रशासनिक अमला भी खामी को लेकर मौन साधे हुए है।
आपदा विभाग की जिम्मेदारी
प्रशासनिक आदेश की पालना में शिक्षा विभाग ने राउमावि में नियुक्त कनिष्ट लिपिक सैय्यद सहीदुद्दीन रिजवी को उदयपुर मुख्यालय पर स्थित आपदा प्रबंधन सहायता अनुभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है। यह प्रतिनियुक्ति आदेश अतिरिक्त जिला कलक्टर की ओर से दो माह पूर्व 19 अगस्त 2019 को हुई थी। इसके बाद से विद्यालय के मंत्रालयिक कामकाज की जिम्मेदारी व्याख्याताओं के जिम्मे आ गई। कार्य संस्थापन, टीसी, सर्विस बुक से लेकर अन्य कामकाज को व्याख्याताओं के स्तर पर पूरा किया जा रहा है। फिलहाल यह कार्य भूगोल विषय के व्याख्याता के हिस्से है।
जता चुके हैं नाराजगी
दूसरी ओर ग्रामीणों एवं एसडीएमसी सदस्यों की ओर से व्यवस्था बदलाव को लेकर कई बार विरोध दर्ज कराया जा चुका है। आरोप है कि भूगोल जैसे प्रायोगिक विषय को लेकर विद्यालय स्तर पर अनदेखी की जा रही है। लोगों ने यहां तक कह दिया है कि विद्यालय को बंद कर पूरे स्टाफ को ही सरकार प्रतिनियुक्ति पर लगा सकती है। आरोप यह भी है कि रसूखदारों के नजदीकियों को प्रतिनियुक्ति की सौगात दी जाती है।
गणित व हिन्दी पढ़ाने वाला नहीं
लोगों का आरोप है कि एक ओर शिक्षकों को बाबू बनाने में जुटी सरकार के विद्यालयों की स्थिति इतनी गंभीर है कि बच्चों को गणित, विज्ञान और मातृभाषा पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। लोगों ने चेतावनी के साथ स्पष्ट किया कि आगामी सात दिन में प्रशासनिक स्तर पर बाबू की प्रतिनियुक्ति निरस्त नहीं की जाती है तो स्कूल में तालाबंदी जैसे कदम उठाए जांएगे। साथ ही प्रदर्शन भी किया जाएगा।
पहले ही तीन पोस्ट खाली
विद्यालय में द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के तीन पद पहले ही खाली है। ऊपर से प्रतिनियुक्ति के बाद से कामकाज का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। अध्यापकों को बाबू का काम करना पड़ रहा है। इससे शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं। अंबालाल मेनारिया, संस्था प्रधान, राउमावि, खरसाण
यह भी काम जरूरी
जिले में 1995 गांव आपदा ग्रस्त घोषित किए गए हैं। यह कार्य भी जरूरी है। इसलिए मंत्रालयिक कार्मिक को डेपुटेशन पर लगाया हुआ है।
ओ.पी. बुनकर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उदयपुर

फिर से लगा देंगे
संस्था प्रधान की ओर से फिलहाल कोई पत्र नहीं मिला है। अगर, ऐसा हुआ तो प्रतिनियुक्ति निरस्त कर मतदान के बाद बाबू को पुन: स्थानीय विद्यालय में लगा दिया जाएगा।
शिवजी गौड, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, उदयपुर
पहले ही चेताया
बाबू की प्रतिनियुक्ति निरस्त कराने के लिए पहले ही ग्राम पंचायत स्तर पर लिखा जा चुका है। udaipur education department इसके बावजूद व्यवस्था सुधार नहीं हुआ है।
भगवतीलाल मेनारिया, सरपंच, ग्राम पंचायत खरसाण

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