शहर में कई स्थानों पर पेड़ों ( Tree ) की टहनियां बिजली के तारों को छू रही है। इसके साथ ही बारिश में बेल भी खंभों से होते हुए तारों तक पहुंच गई है। इनमें महाकालेश्वर मार्ग, सूरजपोल, गुलाब बाग, हिरण मगरी, बोहरा गणेशजी सहित कई जगह तारों से टकराती टहनियों के साथ बेले आसानी से देखी जा सकती है।
आरसीए के बाहर लगे कई खंभों का ऊपरी हिस्सा पेड़ों की टहनियों में गुम हो गया है। एेसा ही हाल कॉमर्स कॉलेज के पीछे, हिरण मगरी, प्रतापनगर सहित विभिन्न कॉलोनियों में भी देखा जा सकता है।
पहले विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते रखरखाव नहीं हो पाया। इधर मानसून पूर्व भी रखरखाव नहीं होने से बार-बार बिजली गुल होने की समस्या बरकरार है। बारिश के दौरान पेड़ों की टहनियों और बेलों के कारण भी व्यवधान होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
निगम सूत्रों के अनुसार जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में हुई बैठक में ठेकेदारों को रखरखाव के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश मई माह में दिए जाने थे। लेकिन इसमें इतनी देर क्यों हुई इसको लेकर अधिकारी आशानुरूप जवाब नहीं दे पा रहे। अब बारिश शुरू हो गई है और बारिश के साथ लाइनों का रखरखाव करना मुश्किलें खड़ी करेगा।
विद्युत लाइनों का समय पर रखरखाव किया जाना चाहिए। बारिश के मौसम मंे तारों पर लिपटी बेलो और पेड़ों की टहनियों से जानवरों और आसपास मौजूद इंसानों को करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं नमी के चलते छीजत भी बढ़ती है। इससे होने वाली छीजत तारों में प्रवाहित हो रहे करंट पर निर्भर करती है।
—— रखरखाव का काम शुरू हो चुका है। इस कार्य में देरी हुई है, लेकिन जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी।
– गिरिश कुमार पारिख, अधिक्षण अभियंता, एवीवीएनएल, उदयपुर।