scriptEngineers Day Special: उदयपुर में इंजीनियरिंग स्टूडेन्ट्स का हैं ये हाल, पढ़ें पूरी खबर | Engineers Day Special: engineering students situation in udaipur | Patrika News
उदयपुर

Engineers Day Special: उदयपुर में इंजीनियरिंग स्टूडेन्ट्स का हैं ये हाल, पढ़ें पूरी खबर

उदयपुर . पहले इंजीनियरिंग करना किसी सपने को पूरा करने से कम नहीं होता था। लेकिन अब… 

उदयपुरSep 15, 2017 / 10:48 am

Dhirendra Joshi

Engineers Day Special: engineering students situation in udaipur
उदयपुर . पहले इंजीनियरिंग करना किसी सपने को पूरा करने से कम नहीं होता था। आम आदमी भी अपने बच्चों को इंजीनियर बनते देखना चाहता था, लेकिन अब यह सपना डरावना हो गया है। इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है।
इसका मुख्य कारण इंजीनियरिंग के बाद अपेक्षा के अनुरूप रोजगार नहीं मिल पाना है। सरकारी कॉलेज में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों में प्रतिस्पद्र्धा रहती थी, लेकिन इस साल इंजीनियरिंग में प्रवेश को लेकर प्रतिस्पद्र्धा तो दूर उनकी सीटें भी नहीं भर पाई। सत्र 2017-18 में सरकारी कॉलेज में सिर्फ 58 प्रतिशत अर्थात् 5 हजार 860 में से 2 हजार 483 सीटों पर ही प्रवेश हुए।

प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन नहीं : राजस्थान इंजीनियरिंग प्रवेश प्रक्रिया के तहत प्राइवेट कॉलेजों में सिर्फ 32 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश हुए। प्रथम सौ कॉलेजों के 43 हजार 446 सीटों सीटों के मुकाबले 13 हजार 864 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया। एआईसीटीई वेबसाइट के अनुसार प्रदेश में तीस कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं।
READ MORE: #KillBluewhale PATRIKA CAMPAIGN: खूनी खेल का कसता शिकंजा

प्लेसमेंट बना बड़ी समस्या : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सीटीएई के डीन डॉ. एसएस राठौड़ ने बताया कि प्राइवेट कॉलेज में प्लेसमेंट को लेकर बड़ी समस्या है। सरकारी कॉलेजों में यह समस्या कम रहती है। प्रदेश में हर साल बीस से पच्चीस हजार इंजीनियर्स तैयार होते हैं। उद्योगों की कमी के चलते सभी को रोजगार नहीं मिल पाता है।
Engineers Day Special: engineering students situation in udaipur
मांग से ज्यादा इंजीनियर बनाने वाले
डॉ. राठौड़ ने कहा कि देश सहित प्रदेशभर में इंजीनियर्स की मांग से ज्यादा यहां इंजीनियरिंग संस्थान खुल चुके हैं। इसके चलते भी रोजगार मिलने में समस्या आती है। बीस वर्ष पहले प्रदेश में गिनती के इंजीनियरिंग कॉलेज थे, लेकिन अब इनकी संख्या सैकड़ों में हो चुकी है। राठौड़ ने कहा कि विद्यार्थी आईटी, मैकेनिकल और सिविल ब्रांच में रुचि ले रहे हैं। लड़कियों के प्रवेश भी पिछले सालों के मुकाबले बढ़े हैं।

प्रदेश में 5 वर्षों में 48 संस्थान बंद
एआईसीटीई वेबसाइट के अनुसार प्रदेश में 417 इंजीनियरिंग संस्थान थे। गत सत्र 1 लाख 34 हजार 344 ने आवेदन किया। इसमें से 7 हजार 660 छात्राओं व 38 हजार 889 छात्रों ने प्रवेश लिया। सरकारी व निजी महाविद्यालयों में से 17 हजार 949 विद्यार्थियों का ही प्लेसमेंट हो पाया। आईसीटीई की वेबसाइट के अनुसार पिछले पांच सालों में 48 संस्थान बंद कर दिए गए।
Engineers Day Special: engineering students situation in udaipur
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो