इसके बाद सिलसिलेवार खुलासा होने पर राज्यपाल ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। दो दिन के बाद राज्यपाल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक प्रारूप जारी कर रिपोर्ट मांगी है। प्रारूप के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी बीमित पीडि़तों के गांव नाई, कविता, नयाखेड़ा, चोकडिय़ा पोपल्टी, नोहरा, नालफला, बोरीफला गांव में एक-एक घर जाकर पूछताछ करेंगे।
– बीमित लाभार्थी का नाम एवं पता
-किस उद्देश्य हेतु बीमा किया गया
-बीमित धनराशि
-बीमा का प्रीमियम किन अंशों में वहन किया गया (केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व बीमित व्यक्ति)
-बीमा के सापेक्ष क्या कोई क्लेम प्रस्तुत किया गया
-यदि क्लेम प्रस्तुत किया गया तो उसका भुगतान किसके पक्ष में हुआ
-क्लेम में कितनी धनराशि दी गई
-यदि क्लेम स्वीकृत नहीं हुआ तो उसके कारण
कागजों में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों लाखों रुपए इनकम दिखाई गई, वहीं बीमित की मौत पर शहर के कुछ निजी चिकित्सालयों के मृत्यु प्रमाण पत्र लगे हुए मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों के बयानों से पुष्टि हुई कि उन्होंने किसी तरह का प्रीमियम जमा नहीं करवाया, इस मतलब बड़ी राशि लेने के लिए प्रीमियम गैंग के सदस्यों ने जमा करवाया। यह पैसा किसी तरीके से जमा हुआ, इसके दस्तावेज पुलिस ने संबंधित एजेन्सियों से मांगे हैं।