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उदयपुर

व्यापार, विकास और वृद्धि का माध्यम है जीआई टैग

जीआई टैग पर जागरूकता कार्यक्रम
यूसीसीआई में कार्यशाला

उदयपुरMar 06, 2021 / 09:02 am

bhuvanesh pandya

व्यापार, विकास और वृद्धि का माध्यम है जीआई टैग

व्यापार, विकास और वृद्धि का माध्यम है जीआई टैग

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक नीति एवं संवद्र्धन विभाग, ऑफि स ऑफ कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स डिजाइंस एंड ट्रेडमार्क राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग तथा राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को जियोग्राफिकल इंडीकेशन भौगोलिक उपदर्शन पर जागरुकता कार्यक्रम हुआ। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सभागार में आयोजित कार्यक्रम को कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स डिजाइन एंड ट्रेडमार्क राजेंद्र रत्न,ू औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव रवींद्र, रीको के एमडी एटी पेडनेकर, संभागीय आयुक्त विकास एस भाले ने सम्बोधित किया। इसमें पेडनेकर व भाले वचुअली जुड़े। विभिन्न सत्रों में जीआई टैग के इतिहास, वर्तमान और भविष्य पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में उदयपुर जिले के अलावा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़ एवं चित्तौडगढ़़ से लघु एवं मध्यम उद्यमियों, आर्टिजंस और एंटरप्रेन्योर्स ने हिस्सा लिया।
जीआई एंड ट्रेडमार्क दिल्ली के डिप्टी रजिस्ट्रार सचिन शर्मा ने कहा कि जियोग्राफि कल इंडिकेशंस का महत्व किसी उत्पाद, कला या खनिज को संरक्षित रखने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह व्यापार, विकास और वृद्धि में एकाधिकार का माध्यम है। जीआई टैग के द्वारा उत्पादकों तक सीधा लाभ पहुंचता है। विदेश में भारी मांग रहती है, इससे देश में निर्यात बढ़ता है और विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। किसी वस्तु को जीआई टैग मिलने पर उस क्षेत्र विशेष में पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।
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जीआई टैग को लेकर जागरूक होना होगा
सत्र के दौरान विधि विशेषज्ञ चिन्नाराजा नायडू ने कहा कि उदयपुर संभाग जीआई टैग रजिस्ट्रेशन की दृष्टि से बहुत संभावनाओं वाला क्षेत्र है। यहां बहुत सारी ऐतिहासिक कलाओं और कारीगरी को जीआई टैग मिलना चाहिए। लेकिन इस बारे में जागरूकता नहीं होने से कई कलाएं, उत्पाद और वस्तुओं को पहचान नहीं मिल पाती और इससे उत्पादकों और कारीगरों को भी नुकसान पहुंचता है। राजस्थान में दो सौ से ज्यादा उत्पाद जीआई टैग के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करते हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 11 उत्पादों को ही जीआई टैग प्राप्त हुआ है।
संयुक्त शासन सचिव (उद्योग) चिन्मयी गोपाल, उदयपुर कलक्टर चेतन देवड़ा, डूंगरपुर कलक्टर सुरेश ओला, उदयपुर जिला परिषद सीईओ डॉ मंजू, स्मार्ट सिटी सीईओ नीलाभ सक्सेना, रीको एडवाइजर बिंदू कद्भह्नणाकर, एसडीएम बडग़ांव अपर्णा गुप्ता, अति निदेशक उद्योग आरके आमेरिया मौजूद थे।

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