माना जा रहा है कि जैसे ही राशि यूडीए से वन विभाग को मिलेगी, जिराफ एनक्लोजर का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि आचार संहिता की बाधा के चलते यह कार्य अब लोकसभा चुनाव के बाद ही आगे बढ़ पाएगा। सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को लाने के लिए करीब एक दशक से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत कुछ माह पहले सेंट्रल जू अथॉरिटी ने जिराफ के कैज के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। स्वीकृति मिलने के साथ ही अधिकारियों ने गेट नंबर तीन के पास खाली जगह पर कैज बनाने के प्रयास शुरू कर दिए थे।
जिराफ का एक जोड़ा लाया जाएगा नया शेल्टर दो जिराफ के लिए होगा। वन विभाग के अधिकारियों ने जिराफ के लिए देश के अलग-अलग जू में संपर्क करना शुरू कर दिया है। देश के किसी जू से जिराफ आने पर उदयपुर के जू से अन्य जानवर देकर अदला-बदली की जाएगी।
डिस्प्ले ऊंचाई पर होगाजिराफ को देखने के लिए बनाया जाने वाला डिस्प्ले ऊंचाई पर होगा। ताकि पर्यटक आसानी से देख सकेंगे। इसमें 5720 वर्ग मीटर में डिस्प्ले एरिया होगा। जबकि 1400 वर्ग किमी होल्डिंग एरिया होगा। शेल्टर में प्राकृतिक चट्टानों के आसपास पेड़ भी लगाए जाएंगे। इंजीनियरों ने शेल्टर की ड्राइंग पहले ही तैयार कर दी है। इसमें डिस्प्ले का बाड़ा, वाटर हॉल के साथ ही चैनलिंक मेस आदि लगाए जाएंगे। शेल्टर में जिराफ के खाने का छह मीटर ऊंचा प्लेटफार्म भी बनाया जाएगा।
— सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जिराफ एनक्लोजर के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। इसके लिए आवश्यक धन राशि यूडीए के सहयोग से प्राप्त होगी। इसके लिए सहमति मिल गई है। राशि मिलने के बाद निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
– देवेंद्र कुमार तिवारी, उपवन संरक्षक (वन्यजीव)