प्रो. जीवी वेंगलूकर विश्व विरासत सप्ताह के तहत भारतीय मूर्ति कला पर राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे। आयोजन राजस्थान विद्यापीठ विवि के साहित्य संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर, सुविवि के इतिहास विभाग, उद्भव ट्रस्ट की ओर से जारी है। इतिहासविद डॉ. विष्णु माली ने बताया कि राजस्थान में विभिन्न रंगों वाली मूर्तियों के अलावा पीतल या धातु की मूर्तियां कालीबंगा, उदयपुर के निकट आहड़ सभ्यता की खुदाई में मिट्टी की मूर्तियां मिलती है। मेवाड़ में शैव, वैष्णव व शाक्त सम्प्रदाय की मूर्तियां देखने को मिलती है। जिनमें सहस्त्रबाहु मंदिर, जगत का अम्बिका प्रसाद, कैलाशपुरी का एकलिंगजी मंदिर खास है। सहस्त्रबाहु मंदिर में रामायण काल की विभिन्न घटनाओं की झलकियां देखने को मिलती है। निदेशक प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, प्रो. केएस गुप्ता, प्रो. ललित पाण्डेय, डॉ. राजेन्द्रनाथ पुरोहित, छगनलाल बोहरा, हितेष कुमार, डॉ. महेश आमेटा, शोएब कुरैशी, डॉ. कुलशेखर व्यास, डॉ. कुष्णपाल सिंह देवड़ा, प्रो. दिग्विजय भटनागर, प्रो. प्रतिमा पाण्डेय, नारायण पालीवाल, रीना मेनारिया की मौजूदगी रही।