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उदयपुर

उदयपुर के मैकेनिक ने तैयार की ऐसी जुगाड़ मशीन जिससे बिना बिजली के अंडों से निकलेंगे चूजे

कुक्कुट पालकों के लिए सौगात, ग्राम 7 से

उदयपुरNov 04, 2017 / 06:05 pm

Prakash Kumawat

sher khan
उदयपुर . मुर्गीपालन से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी है। वे अब अपने पास उपलब्ध संसाधनों से स्वनिर्मित इन्क्यूबेटर (अंडे सेना )मशीन से बिना बिजली के अंडों से चूजे निकाल सकेंगे। यह मशीन बडग़ांव तहसील के एक वेल्डिंग मैकेनिक ने शेरखान बनाई है। उदयपुर में 7 नवंबर से होने वाले ग्राम में इसे प्रदर्शित किया जाएगा। बाजार में बिजलीचलित इन्क्यूबेटर का मूल्य 1 लाख रुपए से अधिक है, वहीं शेरखान की जुगाड़ तकनीक से बनाई गई इन्क्यूबेटर की लागत 10 हजार रुपए से कम है। इसमें लकड़ी, लोहा, जूट, कॉटन, केरोसिन व जलती चार लालटेनों की जरूरत पड़ती है। इसका वजन लगभग 25.30 किलो ग्राम है। उन्होंने बताया कि अंडों को चूजों में परिवर्तित करने के गर्मी लालटेन एवं आद्र्रता पानी का बरतन रख कर पूरी करते हैं। इसमें एक बार में 300-400 चूजें निकाल सकते हैं। घरों में महिलाएं भी इस तकनीक से प्रतिमाह 15000 से 20000 रुपए कमा सकती हैं।
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7 नवम्बर से ग्राम


महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर 7 नवम्बर से होने वाले ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) को लेकर तैयारियां जोरों पर है। प्रदेश भर के अधिकारी आयोजन स्थल पर जाकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। तैयारियों के क्रम में विवि परिसर के मार्ग पर डामरीकरण किया गया है। इधर, ग्राम परिसर में वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। 1200 वर्ग मीटर में बड़ी संख्या में डोम बनाए गए हैं जिसमें अलग-अलग प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उपलब्ध नवीनतम तकनीकी ज्ञान, स्मार्ट फ ार्मिंग, कृषि आय दोगुना करने की थीम पर आधारित स्टॉल्स होंगे। डोम में स्मार्टफार्म लगेगा, जिसमें प्रीसिजन एग्रीकल्चर, आधुनिक कृषि मशीनरी, उपकरण, प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन, क्लीन एनर्जी, सोलर पावर और बायोगैस किसानों को आकर्षित करेंगे। ग्राम में ड्रॉप मोर क्रॉप, बूंद-बूंद सिंचाई, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य, मृदा जांच प्रयोगशालाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, आर्गेनिक खेती, मूल्य संवर्धन, प्रोसेसिंग तकनीक, सहायक कृषि गतिविधियों डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी व मछली पालन, मशरूम उत्पादन के बारे में बताया जाएगा। ग्राम तीन दिन तक चलेगा।

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