बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषि, उद्यानिकी, वाटरशेड, जल संसाधन व महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से करवाए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। वन विभाग आबूरोड की ओर से साबरमती केचमेंट में किए जा रहे वाटर स्ट्रक्चर्स के कार्यों पर भी चर्चा की गई।
मसाला व औषधीय फसलों पर रहे जोर
बैठक के दौरान कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण बोर्ड की 2018.19 के कार्यों की समीक्षा की गई एवं 2019.20 हेतु प्रस्तावित कार्यों का अनुमोदन किया गया। जिला कलक्टर ने मसाला फसलों उद्यानिकी फसलों एवं पशुपालन हेतु अधिकाधिक प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए। नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन के बारे में चर्चा करते हुए उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को औषधीय फसल एवं बूंद-बूंद सिंचाई को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। प्रत्येक पंचायत समिति में उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र 500 हैक्टेयर तक बढ़ाने को कहा ताकि उन्हें भी फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाया जा सके। साथ ही किसानों को राज्य से बाहर भ्रमण के लिए ले जाने एवं उन्हें उच्च कृषि प्रौद्योगिकी से रूबरू कराने को कहा।
बैठक के दौरान कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण बोर्ड की 2018.19 के कार्यों की समीक्षा की गई एवं 2019.20 हेतु प्रस्तावित कार्यों का अनुमोदन किया गया। जिला कलक्टर ने मसाला फसलों उद्यानिकी फसलों एवं पशुपालन हेतु अधिकाधिक प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए। नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन के बारे में चर्चा करते हुए उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को औषधीय फसल एवं बूंद-बूंद सिंचाई को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। प्रत्येक पंचायत समिति में उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र 500 हैक्टेयर तक बढ़ाने को कहा ताकि उन्हें भी फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाया जा सके। साथ ही किसानों को राज्य से बाहर भ्रमण के लिए ले जाने एवं उन्हें उच्च कृषि प्रौद्योगिकी से रूबरू कराने को कहा।