पटेल सर्कल स्थित भाजपा कार्यालय में जब कई पार्षदों ने एक साथ कहा कि नगर निगम में हमारे काम नहीं हो रहे हैं, अधिकारी सुनते नहीं हैं। लापरवाह और अनदेखी करने वाले अधिकारियों को हटाया जाए। इस पर कटारिया ने कहा कि बेकार की बातें मत कीजिए, अगर आप अभी जैसे एक मत हो और आगे भी रहो तो अधिकारियों को हटा देंगे।
मगर पहले आपके कहने पर जिनको हटाया, उनको बचाने के लिए भी तो आप ही आए थे। ऐसे में बताओ, हटा दो और लगा दो यही काम करना रह गया क्या? कटारिया की इस नसीहत पर रविवार को पार्षदों में खासी चर्चा रही। पार्षदों ने माना है कि ऐसे तो इस बोर्ड का कार्यकाल निकल जाएगा और होना कुछ नहीं है। हालांकि मेयर ने बोर्ड बैठक में भरोसा दिलाया है कि ऐसे अधिकारियों की नामजद रिपोर्ट तैयार करें जिस पर चर्चा कर जरूर कार्रवाई करेंगे।
पिछली बजट बैठक में जताई थी नाराजगी वर्ष 2017-18 के निगम बजट को लेकर 17 फरवरी 2017 को हुई बोर्ड बैठक में भी कटारिया ने नाराजगी जाहिर की थी। तब उन्होंने कहा था कि शहर की गलियों में कंटेनर कचरे से भरे पड़े हैं, लगता है कि हम कुछ देख नहीं रहे हैं। ऐसी ही स्थिति रही तो सफाई में हम जोधपुर से पीछे हो जाएंगे। काम नहीं करने वालों को सरताज बनाने की बजाय एपीओ कर जयपुर भेज दो। इस मामले में उन्होंने गैरेज अधीक्षक का नाम लेते हुए कहा कि सारी सीमाएं लांघ दी है, उनको एपीओ कर जयपुर भेज दीजिए। बाद में चौहान से गैरेज का काम छीन लिया गया लेकिन निगम के कुछ जन प्रतिनिधि कटारिया के समक्ष और ऊपर तक सिफारिश कर उन्हें वापस वहीं ले आए।
पहले भी कई बार उठी मांग निगम की बोर्ड बैठक में हर बार पार्षद आरोप लगाते हुए अधिकारी व इंजीनियरों को हटाने की बात कहते रहे हैं। कटारिया और महापौर ने भी माना कि सबकी सहमति से ऐसे को चिह्नित कर कार्यमुक्त कर देंगे लेकिन फिर स्थिति पहले जैसे हो जाती है।