मौतों की संख्या घटी एमबी चिकित्सालय में कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश शर्मा के अनुसार, प्री कोविड में लगभग हर माह 300 से 350 मरीज की सर्जरी व अन्य इलाज किया जाता था, लेकिन कोरोना से हुए लॉकडाउन में मरीजों की संख्या घट गई। वहीं, मौतों की बात करें तो प्री कोविड में जहां 30 मौतें हर माह हो रही थी, वहीं कोरोना काल में ये संख्या घटकर 10 से 15 मौतों तक रह गई। इसके पीछे कारण यह है कि लॉकडाउन के कारण लोग चिकित्सालय तक पहुंचे नहीं पाए। फिर लॉकडाउन खुलने के बाद भी कोरोना के भय से भी चैकअप के लिए घरों से नहीं निकल रहे थे और ना ही दवाएं ले रहे थे। वहीं, जो लोग बाहर नहीं घूम रहे थे, एक्सरशन नहीं कर रहे थे तो सीने में दर्द नहीं आया। इस कारण भी मरीज नहीं पहुंचे। लेकिन, अब धीरे-धीरे फिर से मरीज परामर्श और सर्जरी के लिए आने लगे हैं। नीमच, मंदसौर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदि जगहों के मरीज भी अब वापस आने लगे हैं। मरीजों का ये आंकड़ा अब बढकऱ 150 से 175 तक पहुंच गया है।
डॉ. शर्मा के अनुसार, ऐसे मरीज जिन्हें पहले से दिल की बीमारी नहीं है, लेकिन कोरोना की गंभीरता अधिक है तो उनकी मायोकार्डिटिस से मौत हो जाती है। इसमें दिल की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। वहीं, लंग्स में क्लॉट बन जाते हैं, इससे भी मरीज की जान को खतरा हो जाता है। इसके अलावा जो पहले से ही दिल के मरीज हैं जिनके सर्जरी हो रखी है या स्टंट लगे हुए हैं। उनको कोरोना होता है तो उनकी जान को खतरा दोगुना होता है। सरकार की गाइडलाइंस में भी शुगर, बीपी, कैंसर, दिल की बीमारियों के मरीजों को खास सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
– मास्क लगाएं और सही तरीके से लगाएं। मुंह और नाक दोनों कवर होने चाहिए। – दो गज की दूरी का ध्यान रखें।
– नियमित दवाएं लेते रहें, दवाएं छोड़े नहीं।