video : होली दहन के बाद हजारों लोग एक साथ तलवार से खेलते हैंं गेर, बंदूकों से दी जाती है सलामी..
सलूम्बर के गावडापाल गांव में आज भी होली का दहन दिन में होता हैै । 12 फलों के ग्रामीण 12 ढोल के साथ दिन के 12 बजे होता है
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शंकर पटेल/गींगला. मेवल क्षेत्र की सबसे खास होली मानी जाने वाली होली गावड़ा पाल की होती हैै। सलूम्बर के पास स्थित आदिवासी क्षेत्र जो गावड़ा पाल गांव के नाम से जाना जाता है और इस गांव के 12 फले हैैं और इस गांव में वर्षोंं से होली रात को नहीं होली के अगले दिन 12 बजे जलाई जाती हैै । यहां की होली को देखने पूूरे मेवल क्षेत्र के लोग आते हैैं । आज भी यहांं की होली को देखने लगभग 8 से 10 हजार लोग एकत्रित हुए और होली का दहन दिन में 11:45 बजे शुभ मुुहूर्त में किया गया । यहांं की जब होली जलती हैै तब उदयपुर से भी पुलिस लगाई जाती हैै। होली दहन पर गींंगला , सलूम्बर , सराड़ा की पुलिस लगाई गई थी । सलूम्बर विधायक, सलूम्बर एसडीएम , सलूम्बर तहसीलदार और पूरा पुलिस प्रशासन मौजूद था। होली दहन होने के बाद यहां के 12 फलों के सभी आदमी एक साथ गेेर नृत्य करते हैैं और तलवार से गेेर खेलते हैं जाेे यहांं की परम्परा हे । साल भर की दुश्मनी गुड़ खाकर भूल जाते हैंं और गले मिलते हैंं। बंदूकों से सलामी ली जाती है। पूर्व में रात को झगड़े होते थे इसलिए दिन में जलाने लगे। होली के इर्द गिर्द चक्कर काटते हुए आग लगाते हैंं बाद में जमकर गेेर खेलते। होली जलने पर इसे लेकर भागते हैंं और कुआंं या तालाब में फैैंक आते हैंं। शेष बचे ठूंठ को शाम को मंगलगीत गाती बहुएंं निकालती हैंं।
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