परंपरानुसार होली से एक माह पूर्व होली का डांडा माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में रोपा जाएगा। डांडा रोपण के साथ ही शहर-गांवों में फागुन और होली के गीतों की बयार शुरू हो जाएगी। लेकिन, साथ ही मांगलिक कार्यो पर रोक लग जाएगी।
हालांकि, देवालयों और मंदिरों में अबीर गुलाल व फूलों के साथ ठाकुरजी के संग श्रद्धालु होली खेलना आरंभ कर देते हैं। इधर, पूरे माह आज से मंदिरों में भजन कीर्तन कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। पुरातन मान्यतानुसार होली दहन से एक महीने पहले कोई शुभ कार्य एवं विवाह टाल दिए जाते हैं।
होलिका दहन 20 मार्च को संस्कृत वैद संस्था के पण्डित अम्बालाल शर्मा ने बताया कि दहन से एक महीने पूर्व माघ शुक्ल पूर्णिमा को होली का डांडा रोपा जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि रात 9.25 बजे तक रहेगी। सुबह 11.01 बजे तक श्लेषा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगा। जो दूसरे दिन 7.59 बजे तक रहेगा। इस बार माघ मास की पूर्णिमा को मंगलवार व माघ नक्षत्र का संयोग शुभ माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि होली रोपण शुभ मुहूर्त दोपहर 3.25 से 4.50 तक रहेगा। इस बार होलिका दहन 20 मार्च को रात में किया जाएगा।