– आमतौर पर FPM की अवधि साढ़े चार से 5 वर्ष होती है। छात्र पहले विशेषज्ञता वाले क्षेत्र के पाठ्यक्रमों के साथ सामान्य प्रबंधन विषयों की समीक्षा वाले पाठ्यक्रम को पूरा करते हैं। इस दौरान छात्रों को अनुसंधान, कौशल, दृष्टिकोण और पद्धतियों में अनुभव और निपुणता प्राप्त होती है।
– अपने चुने हुए क्षेत्र की परीक्षा के बाद छात्र अपने डॉक्टरेट शोध प्रबंध पर काम करते हैं, जो उनके क्षेत्र में अन्य विद्वानों के योगदान के लिए बेहतर होता है।
– FPM छात्रों को एक पूर्ण फैलोशिप मिलती है, इसमें शिक्षण, आवास, अन्य कार्यक्रम व्यय और एक भत्ता शामिल है।
IIM ने इस बार दो नए विषय FPM में जोड़े हैं, हालांकि ये पांच वर्षीय होने के कारण इसमें विद्यार्थियों की संख्या कम होती है, लेकिन ये PHD स्तर का होता है, काफी महत्वपूर्ण हैं।
जनत शाह, निदेशक आईआईएमयू
नीट ऑल इंडिया कोटे की काउंसलिंग आज से
उदयपुर . नीट यूजी की ऑल इंडिया 15 प्रतिशत कोटे की सीटों पर दाखिले के लिए 13 जून से काउंसलिंग शुरू होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने नीट यूजी काउंसलिंग का प्रस्तावित शिड्यूल जारी कर दिया है। काउंसलिंग से एमबीबीएस और बीडीएस की अखिल भारतीय स्तर की 15 प्रतिशत सीट भरी जाएंगी। काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑल इंडिया कोटे की जो सीटें भरने से वंचित रह जाएंगी, वे बाद में संबंधित राज्यों के स्टेट कोटे में समाहित हो जाएंगी। एमसीसी की वेबसाइट के माध्यम से ही आम्र्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) में भी दाखिले होंगे। इसके लिए एएफएमसी में अलग से पंजीकरण कराने होंगे। काउंसिलिंग का लिंक अलग से एमसीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ डीपी सिंह ने बताया कि केन्द्र की उदयपुर में 150 में से 15 प्रतिशत सीटें यानी 22 सीट हैं। ये नेशनल काउंसलिंग है, जबकि स्टेट काउंसलिंग जयपुर से एडमिशन बोर्ड करेगा।